ग्वालियर नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर अतिबल सिंह यादव ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने बेटे पर कातिलाना हमले और लूट के मामले में पुलिस को आड़े हाथ लिया है। उनका कहना है कि खुलेआम बदमाश हमला कर 12 तौला की चेन, मोबाइल लूट ले गए। कार भी लूटने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने सिर्फ साधारण मारपीट की धाराओं में FIR दर्ज की। थाने के कुछ कदमों की दूरी पर यह सब होता रहा और पुलिस को पता नहीं चला। ये कैसी पुलिस है?
घटना 18 जुलाई की रात 11.30 बजे पड़ाव की है। एक दिन पहले जब मामले ने तूल पकड़ा तो मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया। पर लूट अभी तक दर्ज नहीं की है। इसमें पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ा है। पर उन्होंने सिर्फ कार टकराने पर झगड़े की बात कही है। पुलिस जांच कर रही है।
ग्वालियर नगर निगम डिप्टी कमिश्नर डॉ.अतिबल सिंह यादव के पुत्र वरुण यादव के साथ मारपीट और लूट की वारदात सामने आई है। 18 जुलाई को वरुण अपनी कार से रिश्तेदार के घर से होकर वापस अपने घर आ रहा था। रात 11.30 बजे पड़ाव थाने से कुछ ही दूरी पर उनकी कार के आगे कुछ युवकों ने अपनी कार लगाकर वरुण से उनकी गाड़ी की चाबी छीनने का प्रयास किया। जब वरुण ने कार की चाबी देने से इनकार किया तो उन्हें गाड़ी से उतारकर लोहे की रोड और धारदार हथियार से मारना शुरू कर दिया, जिसमें वरुण गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गया।
इसी समय वहां से वरुण की पहचान के कुछ लोग गुजरे तो उन्हें देखकर हमलावर भाग गए। भागने से पहले 12 तौले की सोने की चेन और वरुण का मोबाइल लूट भी ले गए। मारपीट और लूट की वारदात मेन रोड पर करीब आधे घंटे तक चलती है लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। वरुण की गंभीर रूप से घायल है। पुलिस ने इस मामले में पहले सिर्फ साधारण मारपीट की FIR दर्ज की थी।
सोशल मीडिया पर डिप्टी कमिश्नर के आरोप से घबराई पुलिस
इसके बाद जब सोशल मीडिया पर डिप्टी कमिश्नर अतिबल सिंह ने पूरी घटना का खुलासा किया और पड़ाव थाना पुलिस को कठघरे में खड़ा किया तो पुलिस ने इस मामले में सोमवार को मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर हत्या के प्रयास का मामला बढ़ाया। साथ ही पुलिस ने लूट में इस्तेमाल किए गए हथियार और उपयोग की गई कार नंबर MP07 CG-5625 बरामद कर ली है। दो लोगों को पकड़ा गया है, पर अभी तक लूट का मामला दर्ज नहीं किया गया है।
डिप्टी कमिश्नर का आरोप
डिप्टी कमिश्नर नगर निगम अतिबल सिंह का आरोप है कि पुलिस शुरू से ही मामले को लेकर गंभीर नहीं थी। वरुण की हालत गंभीर है। उसकी जान पहचान वाले वहां से नहीं निकलते तो लुटेरे उसे मार देते थे। थाने के कुछ कदमों की दूरी पर यह सब होता रहा और पुलिस को पता नहीं चला। कैसी पुलिस है यह। बाद में भी लूट का मामला दर्ज नहीं किया है।
पुलिस का कहना
इस मामले में TI पड़ाव विवेक अष्ठाना का कहना है कि मारपीट का मामला था। उसके बाद हत्या के प्रयास की धारा मेडिकल रिपोर्ट पर बढ़ा दी है।