ब्रिस्बेन । वैश्विक आर्थिक ताकतों का समूह जी-20 का सम्मेलन राजनीति का शिकार हो गया है। दुनिया के आर्थिक मसलों पर विचार की जगह अमेरिका और पश्चिमी देशों ने शनिवार को यूक्रेन संकट का विवादित मुद्दा छेड़ दिया। पश्चिमी नेताओं ने इस संकट के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराते हुए नए प्रतिबंधों की धमकी दे दी। इससे नाराज रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सम्मेलन से जल्द लौट सकते हैं।

रूस लगातार उन आरोपों से इन्कार करता रहा है, जिनमें यूक्रेन में विद्रोह भड़काने के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया गया है। रूसी प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि पश्चिमी देशों की इस हरकत से पुतिन नाराज हैं। वह ब्रिस्बेन से वापस जाना चाहते हैं। वह रविवार को मॉस्को के लिए निकल सकते हैं। यह विवाद कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के उस भड़काऊ बयान से पैदा हुआ, जिसमें उन्होंने पुतिन से कहा, 'मैं आपसे हाथ मिलाना चाहता हूं। मगर मैं केवल एक बात कहना चाहता हूं कि आप यूक्रेन से बाहर निकलें।' हार्पर के प्रवक्ता जेसन मेकडॉनल्ड ने बताया कि पुतिन की प्रतिक्रिया इस पर सकारात्मक नहीं रही।

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इससे एक कदम और आगे बढ़ते हुए कहा, 'यूक्रेन में रूस का घुसना पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरा है। हमने इसका पुरजोर विरोध किया। हमने यूक्रेन में एमएच17 को मार गिराए जाने जैसी दर्दनाक घटना भी देखी।' यूरोपीय परिषद ने भी मॉस्को से कहा कि वह अपने सैनिकों व हथियारों को वहां से हटाए। इसके अलावा विद्रोहियों को शांति समझौते का पालन करने को कहे। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने भी पुतिन को निशाने पर लेते हुए कहा, 'यूक्रेन में स्थिति ठीक नहीं है। यूरोपीय संघ रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी करे।' पुतिन की यात्रा के मद्देनजर रूस ने आस्ट्रेलिया के समुद्र तट पर तीन युद्धपोत तैनात कर दिया है। इसको लेकर आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने भी कड़ी नाराजगी जाहिर की है। पुतिन को जी-20 सम्मेलन में शुरू से ही अलग-थलग रखा जा रहा था। औपचारिक सामूहिक तस्वीरों में वह किनारों पर खड़े दिखाई देते हैं। ओबामा और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को लेने के लिए जहां ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर जनरल और अटॉर्नी जनरल गए थे। वहीं पुतिन को लाने के लिए केवल उप रक्षा मंत्री को भेज दिया गया था। सम्मेलन के बाहर भी पुतिन को हत्यारा बताते हुए प्रदर्शन हुए हैं। इसके बावजूद पुतिन मुस्कुराते हुए सबसे हाथ मिलाते दिख रहे थे। मगर शनिवार को आए इन बयानों ने उनका गुस्सा चरम पर पहुंचा दिया है।

पुतिन ने जर्मन टीवी नेटवर्क एआरडी से कहा, 'रूस यूक्रेन सरकार को राजनीतिक विरोधियों को नष्ट नहीं करने देगी। पश्चिमी मीडिया निष्पक्ष होकर यूक्रेन के मसले पर खबरें नहीं दिखा रहा है। हम समस्या का केवल एक पहलू देख रहे हैं। यूक्रेन को पूर्वी इलाके में विद्रोहियों के साथ वार्ता के जरिये समस्याएं सुलझानी होंगी।' जी-20 के आयोजक ऑस्ट्रेलिया ने उम्मीद जताई थी कि सुरक्षा और पर्यावरण के बजाय यह सम्मेलन ग्लोबल आर्थिक वृद्धि पर केंद्रित होगा। मगर यूक्रेन संकट के उछलने से उसकी उम्मीद मिट्टी में मिलती हुई दिखाई दे रही है।