ब्रिस्बेन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति अपनाए जाने का आह्वान करते हुए कहा कि यदि विभिन्न देश एक साझा रणनीति अपनाएं तो वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ सफलता हासिल की जा सकती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कालेधन को सुरक्षा के लिये चुनौती बताते हुये कहा कि विदेशों में रखे ऐसे धन को वापस लाना उनकी सरकार की मुख्य प्राथमिकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जी 20 शिखर बैठक से अलग फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान साझा रणनीति बनाए जाने का आह्वान किया। मोदी ने यह आह्वान ऐसे समय में किया है जब सर्वाधिक खतरनाक उग्रवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लगातार अभियान की कमान अमेरिका ने संभाली हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘यदि देश साझा रणनीति अपनाएं तो वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ सफलता हासिल की जा सकती है।’ मोदी की यह टिप्पणी अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हेगल के उस बयान की पृष्ठभूमि में आयी है जिसमें कहा गया था कि अमेरिका की अगुवाई में इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के खिलाफ अभियान को और गहन किया जाएगा तथा अमेरिकी जनता को एक लंबी तथा मुश्किल लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए।
आईएसआईएस या आईएस, अल कायदा से टूटकर बना एक संगठन है जिसने इराक और सीरिया के सैंकड़ों वर्ग मील इलाके पर कब्जा जमा लिया है। हेगल ने गुरुवार को प्रतिनिधि सभा में अमेरिकी रणनीति को यह कहते हुए सही ठहराया था, ‘इराकी बलों के मजबूत होने के साथ, हमारे गठबंधन का हवाई अभियान भी रफ्तार पकड़ेगा।’
उन्होंने कहा था, ‘अमेरिकी और गठबंधन बलों द्वारा किए जा रहे हवाई हमलों की मदद से इराकी, कुर्द तथा कबाइली बलों ने इराक के कुछ इलाकों में आईएसआईएल की बढ़त पर रोक लगा दी गयी और कुछ इलाकों में उसे पीछे हटने को मजबूर कर दिया गया है।’ उन्होंने आतंकवादी समूह के नाम के लिए आईएसआईएल का इस्तेमाल किया जो आईएसआईएस का ही एक दूसरा नाम है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कालेधन को सुरक्षा के लिये चुनौती बताते हुये कहा कि विदेशों में रखे ऐसे धन को वापस लाना उनकी सरकार की मुख्य प्राथमिकता है।
दुनिया की पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं के संगठन ब्रिक्स के नेताओं की अनौपचारिक बैठक में काले धन का मुद्दा उठाते हुए मोदी ने इसे देश में वापस लाने के लिए वैश्विक सहयोग की अपील की।
मोदी ने विदेश में काले धन के तौर पर जमा एक-एक पैसा वापस लाने की प्रतिबद्धता जताते हुये जी20 शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले इस मुद्दे को गरमा दिया। उन्होंने ब्रिक्स नेताओं से कहा, ‘विदेशों में रखा कालाधन वापस लाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है।’ विदेश में जमा कालेधन की वापसी के मुद्दे पर तालमेल बिठाने का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा कि हिसाब किताब में दर्ज किये बिना रखा गया यह धन सुरक्षा की चुनौतियों से भी जुड़ा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरद्दीन ने संवाददाताओं से कहा कि यह पहला मौका है जब काले धन को लेकर सुरक्षा क्षेत्र पर गौर किया गया है। भारत काले धन को वापस लाने की कोशिश कर रहा है और प्रधानमंत्री ने पहले ही साफ कर दिया है कि विदेश से काले धन की वापसी के संबंध में नजदीकी सहयोग उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है।
जी20 बैठक के आयोजक आस्ट्रेलिया ने शुक्रवार को कर चोरी पर बेहद आक्रामक रख अपनाते हुये इस मुद्दे पर जोर दिया था। भारत भी इस मामले में जी-20 से कर चोरों की पनाहगाहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है। मोदी ने कहा, ‘मेरे लिए काले धन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व को उजागर करना महत्वपूर्ण मुद्दा होगा।’ वह जी20 सम्मेलन में सीमा पार कर अपवंचन और कर चोरी से निपटने के मुद्दे पर की जाने वाली वैश्विक पहल में साथ होने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहरायेंगे।
उम्मीद है कि जा रही है कि भारत, जी20 से यह भी आग्रह करेगा कि वह काले धन की पनाहगाह बने देशों पर भारत से उनमें रखे गये कालेधन के बारे में और जानकारी मुहैया करायें ताकि इस अवैध धन को स्वदेश लाने में मदद मिले।
इस अनौपचारिक कार्यक्रम में मोदी के अलावा चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा और ब्राजील की राष्ट्रपति डिलमा रूसेफ उपस्थित थीं।
PM मोदी ने वैश्विक आतंक से निपटने को साझा रणनीति पर दिया जोर, बोले-वापस लाएंगे कालाधन
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