
नई दिल्ली । जापान की दोपहिया वाहन कंपनी यामाहा भारत और वैश्विक बाजारों के लिए एक नए इलेक्ट्रिक वाहन प्लेटफॉर्म पर काम कर रही है। यामाहा इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि भारत के ई-मोबिलिटी क्षेत्र में कंपनी का निवेश सरकार की ओर से स्पष्ट रूपरेखा और स्थिर नीति पेश करने पर निर्भर करेगा। सरकार ने पिछले महीने फेम-दो योजना के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए प्रोत्साहन बढ़ाया है। इसके जरिए सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। वहीं यामाहा का मानना है कि सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर और चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता, बैटरी उत्पादन और स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए। यामाहा मोटर इंडिया ग्रुप के चेयरमैन मोतोफुमी शितारा ने कहा कि जापान के मुख्यालय में हमारी पहले से प्रतिबद्ध टीम है। ये टीम भारत और वैश्विक बाजारों के लिए एक नए इलेक्ट्रिक वाहन प्लेटफॉर्म पर काम कर रही है। वास्तव में हम पिछले दो साल से गोगोरो के साथ भागीदारी में ताइवान में इलेक्ट्रिक वाहनों का विनिर्माण कर रहे हैं। ऐसे में ईवी मॉडलों के विनिर्माण की प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता हमारे पास पहले से है। भारत के इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में नए निवेश के बारे में पूछे जाने पर शितारा ने कहा कि अभी निवेश से संबंधित बड़ी चुनौतियों को हल किया जाना है। जब तक कि सरकार इसकी स्पष्ट रूपरेखा और स्थिर नीति की पेशकश नहीं करती है, इस मुद्दे को हल नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि ईवी की सफलता मुख्य रूप से ग्राहकों की स्वीकार्यता पर निर्भर करेगी। यह उचित इंफ्रास्ट्रक्चर, चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता, बैटरी उत्पादन और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर करेगा।