पटना: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज अपने प्रधानमंत्री न बन पाने के सवाल पर चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री नहीं बनने का कोई दुख नहीं है. मुझे सभी दलों से जो सम्मान मिला वही मेरे लिए काफी है और मैं इससे अभीभूत हूं.

आडवाणी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश का प्रधानमंत्री नहीं बनने का मुझे कोई दुख नहीं है. मुझे संसद में जो स्थान मिला और सभी राजनीतिक दलों की तरफ से जो सम्मान मिला वह काफी है. इस सम्मान से मैं अभीभूत हूं. यह प्रधानमंत्री बनने से ज्यादा है.’’ 87 वर्षीय वरिष्ठ नेता यहां पूर्व आईपीएस अधिकारी जे. के. सिन्हा द्वारा संचालित एक आवासीय विद्यालय का उद्घाटन करने आए थे. यह विद्यालय मुसहर समुदाय के बालक-बालिकाओं के लिए है जो बिहार के सबसे पिछडे समुदायों में आता है.

 

आडवाणी जून 2013 तक प्रधानमंत्री पद की दौड़ में थे लेकिन जब गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को गोवा में हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया तो आडवाणी की उम्मीदवारी पर विराम लग गया.
 
नरेन्द्र मोदी सरकार के प्रदर्शन के बारे में पूछने पर पूर्व उप-प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी इस सरकार को शासन संभाले हुए काफी कम समय हुआ है, इसलिए इसका आकलन करना अभी उचित नहीं है लेकिन उन्होंने मोदी सरकार के काम-काज पर अपने बयान में कहा कि यह सरकार अच्छा काम कर रही है और अभी तक इसने कोई भी ‘‘आपत्तिजनक’’ काम नहीं किया है.