
अलवर. राजस्थान में निर्धारित समय से पहले आकर भी बारिश (Rain) के लिए तरसाने वाला मानसून (Monsoon) भले ही पूरे प्रदेश को निहाल न कर रहा हो लेकिन अलवर (Alwar) जिले के कई इलाकों पर इसकी ज्यादा मेहरबानी हो रही है. अलवर में सबसे ज्यादा बारिश सोडावास, बहरोड़, बानसूर और नीमराणा क्षेत्र में दर्ज की गई है. ग्रामीणों का कहना है कि दो दशक बाद इस क्षेत्र में इतनी बारिश देखने को मिली है. इससे जहां किसानों के चेहरे खिले हुए हैं, वहीं इस इलाके के बांधों में भी पानी की जोरदार आवक हो रही है. बारिश के बाद लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है.
अलवर जिले के कई इलाकों में रविवार से सोमवार तक रुक-रुककर हुई बारिश के बाद साबी नदी में पानी चलता हुआ नजर आया. इसके साथ ही कई अन्य बांधों में भी पानी पहुंचा है. दो दशक बाद अलवर के बहरोड़, नीमराणा, सोडावास और बानसूर क्षेत्र में भारी बारिश हुई है. इससे किसान काफी खुश हैं. पूरे जिले में अब तक 153.45 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है.
इन इलाकों पर ज्यादा मेहरबान रहा है मानसून
जिले में सबसे ज्यादा बारिश सोडावास, बहरोड, बानसूर और नीमराणा क्षेत्र में दर्ज की गई है. ग्रामीणों के मुताबिक यह दो दशक में सर्वाधिक है. सोडावास में अब तक सबसे ज्यादा 210 एमएम बारिश दर्ज की गई है. इसके अलावा नीमराणा में 192 एमएम, बहरोड़ में 135, कोटकासिम में 60, बानसूर में 36 और मुंडावर में 24 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. जिले के अन्य कस्बों और हिस्सों में 60 एमएम से कम बारिश हुई है. लंबे समय बाद सोडावास क्षेत्र में तेज बारिश होने के बाद साबी नदी में पानी नजर आया. साबी नदी सोमवार सुबह 11 बजे 75 एमएम के आसपास बह रही थी.
जिले के बांधों में आया पानी
बारिश के बाद अलवर के भगेरीखुर्द में 6 फीट पानी आया. मानसरोवर बांध में 7 फीट 7 इंच, मंगलसर बांध में 10 फीट 8 इंच और सिलीसेढ़ में 14 फीट 1 इंच पानी दर्ज किया गया है. थानागाजी, राजगढ़, रामगढ़, मालाखेड़ा एरिया में कम बारिश दर्ज की गई है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कहा अभी बांधों में पर्याप्त पानी नहीं पहुंचा है. जिले के ज्यादातर बाद सूख गए थे. बारिश के बाद कुछ क्षेत्रों में पानी आया है.