नई दिल्ली । पूर्व संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पेगासस जासूसी मामले को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर केंद्र सरकार का जोरदार ढंग से बचाव किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस का तो इतिहास ही जासूसी का रहा है। यह देश विरोधी एजेंडा चलाने वालों की साजिश है। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस जासूसी के सबूत नहीं दे पाई है, उसने राजनीतिक शिष्टाचार से परे जाकर आरोप लगाए हैं। प्रसाद ने सवाल किया कि जासूसी कांड का बखेड़ा संसद के मानसून सत्र के पहले क्यों खड़ा किया गया? उन्होंने कहा कि देश में फोन टैपिंग को लेकर सशक्त कानून हैं। इन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए टैपिंग हो सकती है। सरकार पर स्तरहीन आरोप लगाए गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस पूरे पेगासस प्रकरण से भारत सरकार या भाजपा को जोड़ने के मामले में अंशमात्र भी सबूत नहीं हैं। संसद में व्यवधान डालने का प्रयास किया गया, देश में आधारहीन एजेंडा तैयार किया गया, क्योंकि कांग्रेस का आधार घटता जा रहा और वह हार रही है। प्रसाद ने पूछा कि इस महत्वपूर्ण मौके पर इस तरह के सवाल क्यों उठाए जा रहे है? ट्रंप के भारत दौरे के वक्त दंगे भड़काए गए, पेगासस की खबर 2019 के चुनाव के वक्त फैलाई गई और अब एक बार फिर जब संसद का सत्र शुरू हुआ है तो यह मामला उठाया गया। 
- एमनेस्टी का भारत विरोधी एजेंडा
पूर्व मंत्री प्रसाद ने कहा कि पेगासस मामले से भाजपा या भारत सरकार के संपर्क का एक भी सबूत पेश नहीं किया गया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या हम इस बात से इनकार कर सकते हैं कि एमनेस्टी इंटरनेशनल का कई मामलों में भारत विरोधी एजेंडा रहा है? जब आप उनसे उनकी फंडिंग के स्रोत पूछो तो वे कहने लगते हैं कि भारत में काम करना मुश्किल है। प्रशाद ने कहा कि नया बखेड़ा खड़ा करने के लिए पेगासस की खबर ब्रेक की गई। आनलाइन पोर्टल द वायर का भी नाम आया। प्रसाद ने कहा कि क्या यह सच नहीं है कि उनकी कई स्टोरी गलत पाई गईं हैं।  यह बहुत विकट बात है, कंपनी (एनएसओ समूह) पेगासस रिपोर्ट से इनकार कर रही है और कह रही है कि उसके उत्पाद पश्चिम देशों में इस्तेमाल किए जा रहे हैं, लेकिन भारत को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पेगासस रिपोर्ट जारी की है वे खुद यह दावा नहीं कर रहे हैं कि डाटाबेस में शामिल नंबर पेगासस से जुड़ा था या नहीं।