नई दिल्ली । पेगासस स्पाइवेयर की जद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी मामले में खुलासा हुआ है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर  ही नहीं मंत्री प्रहलाद पटेल, अश्विनी वैष्णव और स्मृति ईरानी भी आये थे। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, स्मृति ईरानी के करीबी अधिकारीयों की जासूसी की गयी।  
एक पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक, लीक हुए डेटा में 300 भारतीय मोबाइल नंबर शामिल हैं, जिनमें 40 मोबाइल नंबर भारतीय पत्रकारों के हैं। इनके अलावा तीन बड़े विपक्षी नेता, मोदी सरकार में दो केंद्रीय मंत्री, सुरक्षा एजेंसियों के मौजूदा- पूर्व प्रमुख और अधिकारी, बिजनेमैन शामिल हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि इन नंबरों को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018-2019 के बीच निशाना बनाया गया था।
इस लिस्ट में सबसे चौंकाने वाला नाम केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का है, जिन्हें पीएम मोदी ने हाल ही अपने कैबिनेट में शामिल किया है। उन्होंने आईटी मंत्री के रूप में रविशंकर प्रसाद की जगह ली। इनको जब 2018-19 में निशाना बनाया गया, तब ये सांसद थे।
प्रशांत किशोर ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के प्रचार में बड़ी भूमिका निभाई थी, जिसके बाद भाजपा स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में आई थी। इसके बाद से भाजपा की कई विरोधी पार्टियों ने उनसे संपर्क किया। हाल ही में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और तमिलनाडु में एमके स्टालिन की जीत का भी श्रेय उन्हें दिया गया।
पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ शिकायतों पर चुनाव आयोग के फैसले पर असहमतिपूर्ण राय दर्ज करवाई थी। उन्होंने चुनाव आयोग की बैठकों में भाग लेना भी बंद कर दिया था, उनका कहना था कि उनकी बात नहीं सुनी जाती है। 
इस बीच सरकार  ने हैकिंग में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा, 'विशेष लोगों पर सरकारी निगरानी के आरोपों का कोई ठोस आधार या इससे जुड़ी सच्चाई नहीं है।'