लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने भारत के राज्य चिह्न 'अशोक की लाट' के अनाधिकृत प्रयोग पर गहरी नाराजगी जतायी है। उन्होंने कहा है कि सभी अनाधिकृत व्यक्तियों, संगठनों अथवा संस्थाओं द्वारा राज्य चिह्न का प्रयोग किसी भी दशा में न किया जाए।
इस बाबत राजभवन द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि 'भारत का राज्य संप्रतीक (प्रयोग का विनियम) अधिनियम 2005 एवं भारत का राज्य संप्रतीक (प्रयोग का विनियम) नियम 2007' के तहत अधिकृत व्यक्तियों, संस्थाओं व संगठनों आदि के अलावा अन्य महानुभावों द्वारा प्रयोग न किया जाए। जानकारी में आया है कि कुछ महानुभावों द्वारा पत्राचार आदि में अपने निजी लेटर पैड व अन्य लेखन सामग्री पर राष्ट्रीय चिह्न का नियम विरुद्ध प्रयोग किया जा रहा है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि 'भारत का राज्य संप्रतीक (अनुचित प्रयोग प्रतिषेध) अधिनियम 2005' के अनुसार यह एक दण्डनीय अपराध है। अधिनियम में यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति धारा-तीन के उपबंधों का उल्लंघन करेगा तो उसे दो वर्ष की कारावास या पांच हजार रुपये तक जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जाएगा। कोई व्यक्ति जो व्यक्तिगत लाभ के लिए धारा-चार के उपबंधों का उल्लंघन करेगा तो उसे ऐसे अपराध के लिए छह महीने से दो साल तक का कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माने का दंड भुगतना होगा।
'भारत का राज्य संप्रतीक (प्रयोग का विनियम) नियम 2007' के अनुसार पूर्व मंत्रियों, पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों, पूर्व न्यायाधीशों व सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों आदि द्वारा अपने लेटर पैड एवं अन्य लेखन सामग्री पर भारत के सरकारी चिह्न का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। उक्त नियमों के तहत प्राधिकृत किए बिना कोई आयोग, समिति, पब्लिक सेक्टर उपक्रम, बैंक, नगरपालिका परिषद, पंचायत राज संस्था, परिषद, गैर-सरकारी संगठन, विश्वविद्यालय, संगम (एसोसिएशन) या व्यक्ति निकाय (बॉडी आफ पर्सन्स), चाहे निगमित हों या नहीं, सरकारी चिह्न का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। नियमों में यह भी उल्लेख है कि सरकारी चिह्न का प्रयोग करने के लिए अधिकृत व्यक्ति भी किसी लेखन सामग्री जैसे लेटर हेड, परिचय कार्ड, बधाई कार्ड आदि पर अपने नाम के साथ अधिवक्ता, संपादक, चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे शब्द प्रयोग नहीं कर सकते हैं।
उक्त नियमों में इस आशय की भी वर्जना की गई है कि कोई व्यक्ति किसी व्यापार, कारोबार, आजीविका आदि के प्रयोजन के लिए या किसी पेटेंट के शीर्षक में या किसी व्यापार चिह्न अथवा डिजाइन में राज्य चिह्न या उससे मिलती-जुलती आकृति का प्रयोग नहीं कर सकता है।