भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 66 वर्षीय यशपाल 1983 की विश्व कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य रहे थे। उन्होंने भारतीय टीम की ओर से 37 एकदिवसीय और 42 टेस्ट मैच खेले थे। वह साल 1979 से 83 तक भारतीय मध्य क्रम के अहम बल्लेबाज थे। खेल से संन्यास के बाद वह राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रहे। साल  2008 में उन्हें फिर से चयन पैनल में जगह दी गयी। 
वह 1983 विश्व कप में भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी थे। उन्होंने 37 टेस्ट मैचों में 33.45 की औसत से 1606 और 42 एकदिवसीय मैचों में 28.48 की औसत से 883 रन बनाए थे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा घरेलू क्रिकेट में भी यशपाल ने जमकर रन बनाये। उन्होंने 160 फर्स्ट क्लास मैचों में 44.88 की औसत से 8933 रन बनाए। इसके अलावा 74 लिस्ट ए मैचों में 34.42 की औसत से 1859 रन बनाए। 
रोने लगे कपिल 
यशपाल के निधन की खबर सुनते ही तब टीम के कप्तान रहे कपिल देव इतने दुखी हो गये की रोने लगे। 
कपिल एक चैनल से बात कर रहे थे। तभी यशपाल के निधन की खबर सुनकर वह अपने को रोक नहीं पाए और बुरी तरह टूट गए। कपिल लाइव शो के दौरान ही यशपाल को याद कर रोने लगे। कपिल ने कहा कि वह इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अंतिम दर्शन करने के लिए मुंबई से वापस आ रहे हैं। उन्होंने शो के दौरान कहा, ''आई लव यू यश.... पारी शानदार खेली।''
 यशपाल ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 37 टेस्ट मैचों में 1606 रन और 42 वनडे में 883 रन बनाए। उन्हें अपनी जुझारू बल्लेबाजी के लिए जाता है। विश्व कप 1983 में इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में उनकी अर्धशतकीय पारी क्रिकेट प्रेमियों को हमेशा याद रहेगी। वह भारतीय क्रिकेट टीम के राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रहे थे। 
वहीं 1983 की विश्व विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे दिलीप वेंगसरकर , मदनलाल, कीर्ति आजाद सहित सभी क्रिकेटर अपने साथी खिलाड़ी यशपाल के निधन से बेहद दुखी हैं। 1983 की विश्व कप टीम का हिस्सा रहे कीर्ति आजाद ने कहा, 'हमारा परिवार टूट गया है। साल 1983 विश्व कप का एजेंडा यशपाल ने ही तय किया था। हम लोग 25 जून को मिले थे। तब वह काफी खुश थे। वह हम सबमें सबसे फिट थे।' आजाद ने कहा कि मंगलवार को जब यशपाल मॉर्निंग वॉक से आए तो उनको छाती में दर्द हो रहा था। इसके बाद उनको हॉस्पिटल लेकर जाया गया। जहां उनका निधन हो गया। वहीं मदनलाल ने कहा कि यशपाल हमें छोड़कर चले गए हैं, इस पर हमें भरोसा नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि खबर मिलने पर उन्होंने कपिल देव को फोन किया था, उनके लिए भी इसपर भरोसा करना कठिन था। मदनलाल ने कहा कि वह कुछ दिन पहले ही एक किताब को प्रकाशित किये जाने के कार्यक्रम के दौरान यशपाल से मिले थे। यशपाल टीम मैन होने के साथ-साथ ही एक बेहद अच्छे इंसान भी थे।
वहीं वेंगसरकर ने कहा, 'हम लोग आखिरी बार जून में मिले थे। तब वह बिल्कुल फिट लग रहे थे। वह फिटनेस फ्रीक थे। मैंने उनसे फिट रहने का राज भी पूछा था। तब यशपाल ने कहा था कि वह रोज वॉक पर जाते हैं।' 
1983 टीम के ही एक पूर्व तेज गेंदबाज बलविंदर सिंह संधू ने कहा, ‘स्तब्ध हूं, यह मेरे लिए सबसे बुरी खबर है। 1983 की टीम परिवार की तरह थी और ऐसा लगता है कि हमारे परिवार का एक सदस्य अब नहीं रहा, यह काफी स्तब्ध करने वाला है।’ विश्व कप 1983 के दौरान यशपाल और संधू एक ही कमरे में रहते थे। पूर्व सलामी बल्लेबाज कृष्णमाचारी श्रीकांत ने कहा कि उन्होंने एक अच्छा मित्र खो दिया। श्रीकांत ने कहा, ‘वह उन मुख्य हीरो में शामिल थे, जिन्होंने हमारे 1983 विश्व कप जीतने में मदद की। उनके साथ खेलने की मेरी शानदार यादें हैं। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’
भारतीय टीम के  एक अन्य सदस्य कीर्ति आजाद ने भी टीम के अपने पूर्व साथी को श्रद्धांजलि दी। 
आजाद ने याद किया कि कैसे दौरों के दौरान यशपाल पूरी टीम के लिए घर का बना भारतीय खाना ढूंढ लेते थे। उन्होंने कहा, ‘वह शाकाहारी थे इसलिए वह दौरों पर घर का बना खाना ढूंढ लेते थे। वह किसी भी तरह दाल-चावल, छोले, राजमा ढूंढ लेते थे। वह हम सभी के लिए इंतजाम करते थे। फिटनेस के अलावा वह अपने खाने को लेकर काफी स्पष्ट थे।’
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने लिखा, ‘यशपाल शर्मा जी के निधन से स्तब्ध और बेहद दुखी हूं। उन्हें 1983 विश्व कप में बल्लेबाजी करते हुए देखने की अच्छी यादें मेरे जेहन में हैं। भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’
पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता सुरेंद्र भावे ने कि वह अपने काम को लेकर बेहद समर्पित थे। उन्होंने कहा, ‘आप सभी को प्रतिभा खोजने में अच्छा नहीं कह सकते, लेकिन यशपाल का खेल को पढ़ने का अपना ढंग था और वह काफी जल्दी प्रतिभा की पहचान कर लेते थे और वह इसमें काफी अच्छे थे।’

दिलीप कुमार को दिया था उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लाने का श्रेय 
 पूर्व भारतीय क्रिकेटर यशपाल शर्मा ने जिस अभिनेता दिलीप कुमार को उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लाने का श्रेय दिया था उनके निधन के एक सप्ताह बाद ही उन्होंने भी दुनिया को अलविदा कह दिया। 
यशपाल ने दो साल पहले एक टीवी शो में कहा था कि जब वो रणजी में खेलते थे तब एक नॉकआउट मैच चल रहा था, जिस दौरान दिलीप कुमार भी वहां थे। इस मैच की पहली पारी में मैंने शतक लगाया था जबकि दूसरी पारी में 80 रन बनाये थे। जब मैच खत्म हुआ तो मुझे स्टेडियम के पदाधिकारियों ने कहा कि आप चलिए, आपसे कोई मिलना चाहता है. मैं जब ऑफिस गया तो देखा कि वहां दिलीप कुमार खड़े हैं। उन्होंने मुझसे हाथ मिलाया और कहा कि मेरे को लगता है कि तुझमें दम है। मैं तेरे लिए किसी से बात करूंगा।’
दिलीप कुमार ने इसके बाद यशपाल के खेल की तारीफ राजसिंह डूंगरपुर से की, जो उस समय बीसीसीआई में अच्छी हैसियत रखते थे। यशपाल को राजसिंह ने ही बताया था कि कभी दिलीप साहेब ने उनकी सिफारिश की थी। इसके बाद राजसिंह डूंगरपुर ने यशपाल के बारे में बीसीसीआई पदाधिकारियों से बात की थी।