
जालंधर । पेट्रोल और डीजल की कीमत से लोगों को राहत मिलने के उम्मीद दिखाई दे रही है। सऊदी अरब की बादशाहत वाले आर्गेनाइजेशन आफ पैट्रोलियम एक्स्पोर्ट कंट्रीज (ओपेक) और युनाइटिड अरब अमीरात (यू.ए.ई.) के बीच कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ाए जाने को लेकर हुए समझौते के बाद पैट्रोलियम पदार्थों की महंगाई का सामना कर रही जनता को राहत मिल सकती है। दोनों पक्षों में हुए समझौते के बाद गुरुवार को कच्चे तेल के दाम में 1.28 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली थी और गुरुवार देर रात अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 73.52 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए थे। इससे पहले 13 जुलाई को कच्चे तेल के दाम 76.49 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए थे और पिछले दो दिन में कच्चे तेल के दाम में तीन डॉलर प्रति बैरल की नरमी आई है। कच्चा तेल सस्ता होने के बाद देश में पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम पर लगाम लगने की उम्मीद जगी है।
दरअसल पिछले साल कोरोना के कारण कच्चे तेल की मांग कम होने एक बाद ओपेक ने कच्चे तेल के उत्पादन में 10 मिलियन बैरल प्रति दिन की कमी कर दी थी और अब धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ाया जा रहा है लेकिन फिर भी ओपेक ने अभी भी उत्पादन में 5.8 मिलियन बैरल प्रति दिन की कमी की हुई है। दुनिया भर में बढ़ रहे कच्चे तेल की कीमतों को देखते हुए यू.ए.ई. और सऊदी अरब कच्चे तेल की आपूर्ति 2 मिलियन बैरल प्रति दिन बढ़ाने के पक्ष में थे लेकिन दोनों देशों के मध्य एक बिंदु पर टकराव था। दुबई कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के प्रस्ताव को अप्रैल 2022 से बढ़ा कर दिसबंर 2022 तक बढ़ाने के लिए अपने कोटे को बढ़ाने की शर्त रख रहा था और सऊदी अरब अब दुबई के इस तर्क के साथ सहमत हो गया है और कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती की बेस लाइन को अप्रैल 2022 से 3.65 मिलियन बैरल प्रति दिन कर दिया गया है। इस से पहले यह बेस लाइन 3.18 मिलियन बैरल प्रति दिन थी।