कुआलालम्पुर (मलेशिया) : एशियाई खेलों में विरोध करते हुए अपना पदक लोटा देने वाली भारतीय महिला मुक्केबाज एल सरिता देवी के लिए यह अच्छी खबर नहीं है. ऐसी संभावना बन रही है कि सरिता को पदक लौटने के लिए कडी सजा झेलनी पड सकती है.
मुक्केबाजी की शीर्ष संस्था एआईबीए ने आज यहां कहा कि दक्षिण कोरिया के इंचियोन में सितंबर में हुए एशियाई खेलों की मुक्केबाजी स्पर्धा के लाइटवेट वर्ग में सरिता अपने मुकाबले में पराजित हो गयी थी. सरिता ने पदक वितरण समारोह के दौरान विरोध दर्ज करते हुए अपना पदक विरोधी खिलाड़ी को देने का प्रयास किया था.
सरिता और तीन कोचों पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध के कारण ये लोग दक्षिण कोरिया में चल रही विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में भाग नहीं ले पाये और वे अभी अनुशासन आयोग के इस बारे में अन्तिम फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
एआईबीए के अध्यक्ष सीके वू ने कहा कि इस विवाद पर जल्द ही फैसला किया जाएगा. उन्होंने मुक्केबाज को कडी सजा दिये जाने के संकेत दिये. वू ने टेलीफोन इंटरव्यू में कहा, उसको (सरिता) कडी सजा दी जाएगी. शून्य सहिष्णुता बरती जाएगी. अगर जीत कर विजेता बनना स्वीकार करते हो तो आपको पराजय को भी स्वीकार करना होगा. अगर प्रत्येक खिलाड़ी ऐसा करने लगा तो प्रतियोगिता क्या रह जाएगी.
गौरतलब है कि एशियाई खेलों में सरिता देवी 60 किग्रा भार वर्ग के अपने मुकाबले में फैसले संतुष्ट नहीं थी और उसने गले में पदक डालने के लिये झुकने से इंकार कर दिया था और उसने पदक लेकर सेमीफाइनल जीतने वाली मुक्केबाज पार्क जी ना के गले में डाल दिया था.
भारतीय मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष संदीप जाजोडिया ने पिछले माह एआईबीए से अनुरोध किया था कि सरिता का निलंबन समाप्त किया जाना चाहिये क्योंकि यह उसकी एक भावनात्मक प्रतिक्रिया थी और यह पूर्व नियोजित नहीं था.
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