नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार से शुरू हो रहे तीन मुल्कों के विदेश दौरे में विदेश नीति का एजेंडा भारी-भरकम है। इसमें द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों के साथ ही भारतीय समुदाय के साथ गर्मजोशी भरी मुलाकातों के कार्यक्रम शामिल हैं। अगले नौ दिनों में 40 से अधिक शासनाध्यक्षों के साथ मोदी की मुलाकातें होनी है। एशिया, अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप और प्रशांत क्षेत्र के इन नेताओं के साथ मुलाकातों की धुआंधार पारी के साथ मोदी की कोशिश भारत के लिए विकास सहयोग के नए रन जुटाने की होगी।

 

दौरे से बहुत उम्मीदें

विदेश दौरे पर रवानगी से पहले प्रधानमंत्री ने सोमवार को जारी बयान में कहा, 'म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया और फिजी के इस दौरे से मुझे बहुत उम्मीदें हैं।' मोदी का कहना था कि दुनिया का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहां ङ्क्षहद महासागर, महाद्वीपीय एशिया व प्रशांत महासागर के इलाके जैसी लगातार बदलती चुनौतियां हैं। शिखर सम्मेलनों और द्विपक्षीय मुलाकातों में विश्व चुनौतियों के समाधान तलाशने की कोशिशों के साथ ही आर्थिक विकास और शांतिपूर्ण विश्व की अपनी आकांक्षा के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास भी होगा। इस दौरान मोदी की द्विपक्षीय मुलाकात ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति समेत कई नेताओं से होनी है।

म्यांमार से करेंगे यात्रा की शुरुआत

महत्वपूर्ण है कि यात्रा की शुरुआत में प्रधानमंत्री म्यांमार की राजधानी नेपी तॉ में 12-23 नवंबर को भारत-आसियान तथा पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद मोदी 14 नवंबर से 18 नवंबर तक ऑस्ट्रेलिया में होंगे। भारत लौटने से पहले मोदी 19 नवंबर को फिजी का भी दौरा करेंगे। 1981 के बाद भारतीय प्रधानमंत्री की इस एक दिनी यात्रा के मद्देनजर प्रशांत महासागर क्षेत्र के 12 द्वीप राष्ट्रों के प्रमुख भी जमा होंगे।

28 साल बाद ऑस्ट्रेलिया जा रहा है कोई भारतीय प्रधानमंत्री

जी-20 शिखर सम्मेलन के बहाने ऑस्ट्रेलिया में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का दौरा 28 साल बाद होगा। इस यात्रा को अहम बताते हुए मोदी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के साथ साझेदारी भारत के आर्थिक लक्ष्यों, सुरक्षा हित साधने व समुद्रीय इलाके में शांति व स्थायित्व का माहौल बनाने में मददगार होगा। पीएम ऑस्ट्रेलिया में शिखर सम्मेलन स्थल ब्रिस्बेन के अलावा सिडनी, कैनबरा व मेलबर्न भी जाएंगे।

होने हैं कई समझौते

विदेश मंत्रालय में सचिव पूïर्व ने बाताया कि प्रधानमंत्री के दौरे में ऑस्ट्रेलिया के साथ रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए पर्यटन, नशीली दवाओं की रोकथाम, सांस्कृतिक सहयोग समेत कई क्षेत्रों में समझौते संभावित हैं। सितंबर में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबॉट की यात्रा में हुए नाभिकीय ईंधन आपूर्ति समझौते के लागू करने के लिए भी प्रशासनिक व्यवस्था बनाई जा रही है। गौरतलब है कि जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत की साझेदारी को एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीनी दादागीरी के खिलाफ मजबूत पेशबंदी के तौर पर देखा जा रहा है।

मेलबर्न क्रिकेट मैदान में दावत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑस्ट्रेलिया दौरे में 18 नवंबर से पहले उनके मेजबान टोनी एबट ने प्रसिद्ध मेलबर्न क्रिकेट मैदान में खास दावत का इंतजाम किया है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक इस कार्यक्रम के लिए भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज की सभी ट्रॉफियों और खिलाडिय़ों को भी जुटाया जा रहा है।

महत्वपूर्ण है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के रिश्तों में क्रिकेट की अहम भूमिका है। सूत्रों के मुताबिक मेलबर्न के मैदान की दावत के लिए पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान कपिल देव, सुनील गावस्कर, वीवीएस लक्ष्मण समेत दोनों देशों के बीच क्रिकेट सीरीज खेलने वाले कई खिलाडिय़ों को बुलाया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री टोनी एबॉट जहां क्रिकेट के फैन हैं, वहीं प्रधानमंत्री मोदी भी क्रिकेट में खासी दिलचस्पी रखते हैं। गुजरात मुख्यमंत्री के तौर पर गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के मुखिया भी रहे हैं।

सिडनी में भारतीय समुदाय से मुलाकात

ऑस्ट्रेलिया में पीएम मोदी भारतीय समुदाय के कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे। ओलंपिक के लिए तैयार ऑल फोन एरीना में 15 हजार लोगों के आने की उम्मीद है। करीब डेढ़ घंटे के इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री भाषण देंगे। साथ ही स्थानीय नेता भी इसमें शिरकत करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन ऑस्ट्रेलिया में बसे प्रवासी भारतीयों ने किया है। इसको लेकर उत्साह का आलम यह है कि इस कार्यक्रम के टिकट क्षमता से अधिक बिक चुके हैं। इसके अलावा मोदी कैनबरा में आस्ट्रेलियाई संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे।