पेट्रोल-डीजल के दाम में तीन दिनों की स्थिरता के बाद आज फिर तेजी आई है। पेट्रोल जहां 35 पैसे महंगा हुआ है तो वहीं डीजल 15 पैसे। हालांकि  15 अप्रैल के बाद पहली बार सोमवार को डीजल के दाम में 15 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई थी।  अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 2% से अधिक की गिरावट हुई। आज हुई इस बढ़ोतरी को लेकर पिछले 4 मई से अब तक पेट्रोल 11.14 रुपये तो डीजल 9.14 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। बता दें पांच विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित होने के एक दिन बाद से ही तेल के दाम में आग लगी हुई है।  दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अब 101.54 रुपये लीटर है तो डीजल 89.87 रुपये। अन्य शहरों में स्टेट टैक्स और स्थानीय शुल्कों में भिन्नता के कारण दोनों ईंधनों की खुदरा कीमतें अलग-अलग हैं।अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में पिछले सप्ताह सोमवार से अत्यधिक उतार-चढ़ाव दिखा, जब ब्रेंट क्रूड 77.16 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था, जो अक्टूबर 2018 के बाद से सबसे अधिक है। बुधवार को ब्रेंट क्रूड 2.26% गिरकर 74.76 डॉलर प्रति बैरल पर गया, वहीं यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) 2.82% गिरकर 73.13 डॉलर पर गया। अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार गुरुवार को और नरम हुआ क्योंकि ब्रेंट 0.79% की गिरावट के साथ 74.17 डॉलर प्रति बैरल के शुरुआती इंट्रा-डे ट्रेड में था। अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें ऑटो ईंधन की पंप दरों को प्रभावित करती हैं। इसकी वजह ये है कि भारत 80% से अधिक कच्चे तेल का आयात करता है। 

पेट्रोल-डीजल पर टैक्स की मार

इसके अलावा पेट्रोल और डीजल के महंगे होने की कई अन्य वजहें भी हैं। 1 जुलाई के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल पर 33.29 फीसद केंद्र तो 23.07 फीसद राज्य सरकार का टैक्स है।  ऐसे ही डीजल पर एक्साईज ड्यूटी के रूप में केंद्र सरकार 35.66 फीसद से अधिक टैक्स वसूलती है जबकि राज्य सरकार करीब 14.62 फीसद टैक्स लगाती है। 

इन राज्यों में शतक लगाकर नाबाद है पेट्रोल

4 मई के बाद से ईंधन की दरों में निरंतर वृद्धि कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल 100 के पार चला गया है। इनमें महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, बिहार, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और नागालैंड हैं, जहां पेट्रोल सेंचुरी लगाकर खेल रहा है।

 इन शहरों में पेट्रोल 100 के पार

मुंबई, श्रीगंगानगर, रीवा,  रत्नागिरी, परभणी, औरंगाबाद, जैसलमेर, गंगानगर, बांसवाड़ा, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, गुंटूर, काकीनाडा, चिकमगलूर, शिवमोग्गा, हैदराबाद, लेह, इंफाल, कालाहांडी, सोपोर , बारामूला, पटना, सेलम, तिरुवनंतपुरम, मोहाली, दार्जिलिंग, दंतेवाड़ा और कोहिमा।
 
बता दें सरकार ने 26 जून 2010 को पेट्रोल और 19 अक्टूबर 2014 को डीजल की कीमतों को नियंत्रणमुक्त कर दिया। इसके बाद से सरकारी कपनियां हर दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों को बदलने के लिए स्वतंत्र हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के खुदरा विक्रेता  IOC, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), घरेलू ईंधन खुदरा बाजार का लगभग 90% नियंत्रित करते हैं।