हैदराबाद : बल्लेबाजों और गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर भारत ने श्रीलंका को तीसरे वनडे मैच 6 विकेट में हराकर 5 मैचों की सीरीज में 3-0 की निर्णायक बढ़त ले ली। श्रीलंका की तरफ से मिले 243 रन के लक्ष्य को भारत ने बहुत ही आसानी से 45वें ओवर में पा लिया। शिखर धवन ने जबर्दस्त बैटिंग करते हुए 91 रन बनाए। हालांकि 'मैन ऑफ द मैच' का अवॉर्ड श्रीलंका के महेला जयवर्द्धने को मिला, क्योंकि उन्होंने बेहद ही विपरीत परिस्थितियों में सेंचुरी लगाई थी।

 243 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने अच्छी शुरुआत की। आजिंक्य रहाणे और शिखर धवन की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 12 ओवर में 62 रन जोड़े। रहाणे ने 31 रन की पारी खेली। उनके बाद आए अंबाती रायडू अच्छे टच में दिख रहे थे। उन्होंने आते ही मैदान के चारों ओर शॉट लगाए और शिखर धवन के साथ मिलकर भारत को 100 रन के पार पहुंचाया। धवन और रायडू के बीच हुई 69 रन की पार्टनरशिप हुई और जब दोनों का साथ छूटा तब तक भारत 131 रन के स्कोर पर पहुंच चुका था। रायडू दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए। उन्होंने 35 रन बनाए।

चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे कप्तान विराट कोहली ने इसके बाद शिखर धवन के साथ मिलकर भारत को एक आसान जीत के रास्ते पर डाल दिया। हालांकि शिखर धवन थोड़े से अनलकी रहे कि वह आज अपना शतक पूरा नहीं कर पाए। उन्हें 91 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर कुलासेकरा ने संगकारा के हाथों कैच करा दिया। भारत का यह विकेट 201 रन के टोटल स्कोर पर गिरा था। कोहली जल्दबाजी के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठे। उन्होंने 53 रनों की तेज पारी खेली। सुरेश रैना 18 और वृद्धिमान साहा 6 रन बनाकर नॉटआउट रहे। श्रीलंका की तरफ से कोई भी बोलर प्रभावित करने में असफल रहा। परेरा, कुलासेकरा और दिलशान ने एक-एक विकेट लिए।

इससे पहले श्रीलंका के कप्तान एंजेलो मैथ्यूज ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया था। हालांकि उनका यह फैसला उल्टा पड़ता दिखा जब सिर्फ 7 रन के टोटल स्कोर पर ओपनर बैट्समैन कुशल परेरा और अनुभवी बल्लेबाज कुमार सांगकारा वापस पविलियन लौट गए।

इसके बाद ओपनर तिलकरत्ने दिलशान और पूर्व कप्तान महेला जयवर्द्धने ने संभलकर पारी को आगे बढ़ाया। दिलशान बड़े स्कोर की तरफ बढ़ते दिख ही रहे थे कि उन्हें पार्टटाइम बोलर अबाती रायडू ने आजिंक्य रहाणे के हाथों कैच कराकर उनकी और श्रीलंका की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। दिलशान ने 80 गेंदों में 53 रन की समझदारी भरी पारी खेली। उन्होंने और जयवर्द्धने ने तीसरे विकेट के लिए 105 रन जोड़े। जब दिलशान आउट हुए उस समय श्रीलंका का स्कोर 3 विकेट पर 112 रन था।

दिलशान के जाने के बाद श्रीलंका के किसी भी बैट्समैन ने जयवर्द्धने का सही से साथ नहीं निभाया। कप्तान एंजेलो मैथ्यूज ने जहां 10 रन बनाए, वहीं प्रियंजन 2 रन, चतुरंगा डिसिल्वा 2रन और तिसारा परेरा ने एक रन बनाकर पविलियन की राह पकड़ ली। हलांकि सामने के छोर से विकेटों को गिरते देख भी जयवर्द्धने ने अपना संयम नहीं खोया और इत्मीनान से खेलते हुए सेंचुरी पूरी की। एकदिवसीय मैचों में यह उनकी 17वीं सेंचुरी थी।

महेला जयवर्द्धने जब आउट हुए तब तक वह श्रीलंका को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने का प्लैटफॉर्म दे चुके थे। उन्होंने 12 चौकों और एक सिक्सर की मदद से 118 रनों की शानदार पारी खेली। बाद में प्रसन्ना ने कुछ अच्छे शॉट लगाए। उन्होंने 29 रन की पारी खेली। कुलासेकरा के आउट होने के साथ ही श्रीलंकाई पारी समाप्त हो गई। श्रीलंका ने 48.2 ओवर में 242 रन बनाए।

भारतीय बोलर्स ने मैच में शानदार बोलिंग की और श्रीलंकाई बोलर्स को अंत तक बांधे रखा। उमेश यादव भारत की तरफ से सबसे सफल गेंदबाज साबित हुए। उन्होंने 9 वोवर में 53 रन देकर 4 विकेट लिए। स्पनर अक्षर पटेल ने भी अच्छी बोलिंग की। उन्होंने 10 ओवर में 40 रन देकर 3 विकेट लिए। धवल कुलकर्णी, अंबाती रायडू और अश्विन को एक-एक विकेट से संतोष करना पड़ा।