सोने की खरीदारी को लेकर उपभोक्ताओं में परंपरागत आकर्षण रहा है। मौजूदा समय में इसमें निवेश के कई विकल्प मिल रहे हैं जिसमें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड म्यूचुअल फंड शामिल हैं। गोल्ड म्यूचुअल फंड को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) भी कहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गोल्ड म्यूचुअल फंड को मैनेज करना निवेशकों के लिए आसान है क्योंकि पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग में गोल्ड म्युचुअल फंड अधिक सही है।
गोल्ड ईटीएफ को कभी भी बेचने की सुविधा
म्यूचुअल फंड वितरक मल्हार मजुमदार का कहना है कि सोने के दाम में तेज उतार-चढ़ाव आने पर जब आप अपने पोर्टफोलियो को दोबारा संतुलित (रीबैलेंसिंग) करना चाहते हैं तो उसमें गोल्ड ईटीएफ ज्यादा फायदेमंद है। उनका कहना है कि इसे बाजार में कभी भी बेच सकते हैं। जबकि गोल्ड बॉन्ड के खरीदार कम हैं जिसकी वजह से बेचने में समय लगता है या घाटे में बेचना पड़ता है।
बच्चों के लिए गोल्ड बॉन्ड बेहतर
मजूमदार का कहना है कि यदि बच्चों की उच्च शिक्षा शादी-विवाद के खर्च के लिए निवेश करना चाहते हैं तो गोल्ड बॉन्ड लंबी अवधि में बेहतर विकल्प है। इसके अलावा शादी-विवाह के मद्देनजर पहले से ज्वेलरी खरीदने से ज्यादा बेहतर विकल्प है क्योंकि काफी पहले खरीदी गई ज्वेलरी का डिजाइन कुछ साल बाद पुराना हो जाता है।
सोने से सस्ता मिल रहा गोल्ड बॉन्ड
रिजर्व बैंक ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश की पेशकश की है। इसकी कीमत 4807 रुपये प्रति ग्राम तक की गई है। यह सोने के मौजूदा भाव से सस्ता है। निवेशकों के पास 17 जुलाई तक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश का मौका है। इसमें निवेश पर बाजार से जुड़े रिटर्न के अलावा 2.50 फीसदी ब्याज भी मिलता है। इसकी लॉक-इन अवधि आठ साल है लेकिन जरूरत पर पांच साल में भी निकाल सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन निवेश पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट भी मिलेगी।