पिछले दो दिनों से बस्तर में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। भाजपा के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप और कांग्रेस सांसद दीपक बैज के बीच तीखी बयानबाजी जारी है। दीपक जहां केंद्र सरकार को घेर रहे हैं, वहीं दिनेश राज्य सरकार की नाकामी गिना रहे हैं। इस बीच पूर्व सांसद ने कह दिया कि अब अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आती है तो वे अपने कान काट लेंगे। इस पर पलटवार करते हुए सांसद बैज ने कहा कि नाक तो पहले ही कटवा ली थी। अब बचा क्या है। हम इसका भी स्वागत करेंगे।

जगदलपुर के भाजपा कार्यालय में हुई बैठक में बस्तर संभाग प्रभारी शिवरतन शर्मा और प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय भी शामिल हुए। इस बीच पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने भूपेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता त्रस्त है और CM साहब मस्त है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार दोबारा नहीं आएगी। हाथ में गंगाजल लेकर जनता से बेरोजगारी भत्ता देने, किसानों का कर्ज माफ करने सहित कई वादे किए थे, लेकिन पूरे नहीं हुए हैं।

पूर्व सांसद कश्यप ने कहा कि कांग्रेसी कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में सरकार दोबारा आएगी। मैं लिखित में देता हूं कि अगर सरकार दोबारा आई तो मैं अपने कान काट लूंगा। सरकार को आना तो छोड़िए, अब ये कितने साल पीछे चले जाएंगे इसका ये खुद अंदाज नहीं लगा पा रहे हैं। कांग्रेस की सरकार से व्यापारी, मजदूर, किसान, बेरोजगार सहित कई वर्ग के लोग त्रस्त हैं। आने वाले चुनाव में छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार ही आएगी।

जनता सरकार बनाएगी, दिनेश कश्यप नहीं - बैज

पूर्व सांसद के इस बयान के बाद अब घमासान छिड़ गया है। सांसद दीपक बैज ने कहा कि जनता, सरकार बनाती है, दिनेश कश्यप नहीं। इनके बयान से कोई फर्क नहीं पड़ता। 5 साल की सरकार है, इसमें पूर्व सांसद को चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार जनता के हित में काम करेगी। खाद केंद्र सरकार भेजती है, अगर हिम्मत हो तो नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर उनसे कह दें कि खाद जल्दी भेजें। बैज ने आगे कहा कि पिछले 15 सालों में हमनें भाजपा का वादा भी देखा है।

सांसद बैज ने कहा कि भाजपा ने 2100 रुपए समर्थन मूल्य देने वाले, 300 रुपए बोनस देने का वादा किया था, लेकिन उसे पूरा हमारी सरकार ने किया है। भाजपाइयों को भूपेश सरकार को धन्यवाद कहना चाहिए।आगे कहा कि दिनेश कश्यप का नाक तो पहले ही कट गया है। भाई केदार कश्यप मंत्री नहीं रहे, दिनेश खुद सांसद नहीं हैं और 15 साल की सरकार में भाजपा 15 सीट नहीं ला पाई। बचा हुए कान हैं तो उसे 2023 के चुनाव में कटवा लेना, हम स्वागत करेंगे।