नई दिल्ली : अरविंद केजरीवाल ने भी सोमवार को उपराज्यपाल से मुलाकात कर दिल्ली में सरकार गठन के मसले पर अपनी पार्टी का रुख दोहराया। उन्होंने कहा कि हमारा रुख आज भी वही है, जो 8 महीने पहले था। हम विधानसभा भंग करके नए सिरे से चुनाव करवाना चाहते हैं।
मनीष सिसौदिया के मुताबिक आम आदमी पार्टी ने एलजी से मांग की है कि झारखंड और जम्मू-कश्मीर में 5 चरणों में होने वाले विधानसभा चुनावों के किसी एक चरण के दौरान ही दिल्ली में भी चुनाव करा लिए जाएं। इन दोनों राज्यों में 25 नवंबर और 2, 9, 14 और 20 दिसंबर को 5 चरणों में वोटिंग होनी है। एलजी ने उन्हें बताया कि कांग्रेस और बीजेपी ने भी कहा है कि वे दिल्ली में सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं, इसलिए अब विधानसभा भंग कर चुनाव करवाना ही एकमात्र विकल्प रह गया है। मनीष का दावा था कि एलजी रात तक अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज देंगे।
सुबह से केजरीवाल ने ट्वीट के जरिये बीजेपी पर हमला करना शुरू कर दिया था। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी दिल्ली में तनाव-दंगे फैलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने त्रिलोकपुरी, नंद नगरी, बवाना और मुंडका इलाकों में चल रही तनावग्रस्त स्थितियों का हवाला देते हुए कहा कि अब जनता, मीडिया और पुलिस मिलकर ही दिल्ली को बचा सकते हैं।
थोड़ी देर बाद जब यह खबर आई कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय और वरिष्ठ नेता जगदीश मुखी ने सुबह ही एलजी से मिलकर उन्हें सरकार बनाने में बीजेपी की असमर्थता के बारे में बता दिया है, तो केजरीवाल ने फिर ट्वीट कर बीजेपी से 'औपचारिक' रूप से अपना स्टैंड सबके सामने साफ करने की मांग की। यह भी कहा कि अगर उन्होंने एलजी को कोई चिट्ठी दी है, तो उसे भी सार्वजनिक करें। उन्होंने एलजी को भी सलाह दी कि जिस तरह पिछले साल दिसंबर में उन्होंने सबसे पहले 'सबसे बड़ी पार्टी' बीजेपी को औपचारिक रूप से बुलाकर सरकार के गठन पर उनका मत जाना था और उसके बाद दूसरी और तीसरी बड़ी पार्टी को चर्चा के लिए बुलाया था, वैसा ही उन्हें इस बार भी करना चाहिए। उन्होंने यह भी लिखा कि क्या सचमुच एलजी ने बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दे दिया है? अगर ऐसा नहीं है, तो फिर एलजी और बीजेपी, दोनों इस मामले में इतनी गोपनीयता क्यों बनाए हुए हैं?
एलजी ने केजरीवाल को दोपहर 2 बजे चर्चा के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने एलजी को लिखा कि आपका पत्र मुझे अभी मिला है और इस वक्त दोपहर के 12:50 हो चुके हैं। मेरे पहले से कुछ कार्यक्रम तय हैं, जिन्हें मैं चाहकर भी टाल नहीं सकता हूं। अगर आप शाम में या कल सुबह कोई समय दे दें, तो अच्छा रहेगा। वैसे भी, आपको इस मसले पर हमारा रुख तो पहले से ही पता है। इस दौरान आप बीजेपी के साथ चर्चा कर चुके होंगे। हम आपके आभारी रहेंगे, अगर आप हमें यह बता सकें कि इस मसले पर बीजेपी का 'औपचारिक' रुख क्या है।
केजरीवाल की रणनीति पहले बीजेपी और कांग्रेस का औपचारिक रुख जानने की थी। दोपहर में जब कांग्रेस ने भी यह साफ कर दिया कि वह चुनाव चाहती है, तो केजरीवाल के पास भी एलजी से मिलकर इनकार करने के सिवा और कोई चारा नहीं बचा। बाद में उन्होंने ट्वीट कर दिल्ली की जनता को बधाई भी दी।
हम भी चुनाव चाहते हैं : केजरीवाल
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