गोपालगंज. बिहार में बाढ़ एक बार फिर से लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती दिख रही है. नेपाल की नदियों के रौद्र रूप से बिहार के कई जिले फिर से जल प्रलय (Bihar Flood) के खतरे की ओर जाते दिख रहे हैं. वाल्मीकि नगर बराज से दो दिन पहले करीब ढाई लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया था. उस पानी का डिस्चार्ज अब गोपालगंज (Gopalganj Flood Area) पहुंचने लगा है, इसकी वजह से गोपालगंज सदर प्रखंड के एक दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. बाढ़ का पानी बढ़ने से गंडक (Gandak River) के नीचे वाले इलाकों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. इन गांव में आने जाने वाली सड़कों पर कई फ़ीट उपर पानी बह रहा है. गोपालगंज के 6 प्रखंडों के 42 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, वहीं जिला प्रशासन ने भी गंडक के नीचे वाले इलाके में रह रहे लोगों को तटबन्धों पर आने की अपील की है.

दरअसल दो दिन पहले बाल्मीकि नगर बराज से करीब 2 लाख 60 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया था. इसके बाद शनिवार को भी अधिकतम 2 लाख 93 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया जो अब गोपालगंज में पहुंच गया है. पानी के कारण गोपालगंज में गंडक का जलस्तर अब लगातार बढ़ रहा है. डुमरिया घाट पर गंडक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. गोपालगंज सदर प्रखंड के अलावा मांझागढ़ और बैकुंठपुर में बाढ़ के पानी से 3 दर्जन से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं और लोगों को परेशानी बढ़ गई है.


लोग अपना और मवेशियों के खाने का सामान लेकर गांवो से बाहर निकलने लगे हैं. सदर एसडीएम उपेंद्र कुमार पाल ने कहा है कि गंडक के डिस्चार्ज लेबल पर निगरानी रखी जा रही है. अभी जिले में बाढ़ से कोई ज्यादा खतरा नही है. सभी तटबन्धों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है.

दूसरी ओर नेपाल से आने वाली नदियों का पूर्वी चम्पारण में तांडव भी तेजी से शुरु हो गया है. बूढी गंडक नदी जहां सुगौली और बंजरिया प्रखंड में तांडव मचा रही है तो बागमती और लालबकेया नदी ने पताही के गांवों में तबाही मचाना शुरु किया है. पिछले तीन दिनों से जारी नदियों के रौद्र रुप ने पूर्वी चम्पारण जिला का शिवहर जिला से समपर्क को भंग कर दिया है. पताही प्रखंड के देवापुर जिहली सहित दर्जनों गावों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. पूर्वी चम्पारण जिला में बाढ़ अब अपनी सीमा का विस्तार करते हुए कई अन्य प्रखंडों में पहुंचने लगा है. सुगौली, बंजरिया संग्रामपुर और केसरिया के बाद बाढ़ ने सिकरहना अनुमंडल में तबाही मचाना शुरु किया है.