नई दिल्ली ।  पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू सीधे तौर पर मुख्यमंत्री  कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साध रहे हैं। पंजाब में कांग्रेस में चल रहे आंतरिक मतभेद को खत्म करने के लिए बनाए गए पार्टी के पैनल के सदस्य हरीश रावत ने एक समाचार चैनल को  बताया कि पंजाब में सबको यह लगता है कि कांग्रेस फिर से सत्ता में आ रही है, इसलिए आपसी खींचातान है। 
उन्होंने कहा, 'पंजाब में जो स्थितियां हैं, वो संभावनाओं से भरी हुई हैं। सबको यह लगता है कि कांग्रेस फिर से सत्ता में आ रही है। इसलिए थोड़ा सा दबाव रहता है। वही दबाव आपसी खींचातान के रूप में दिखाई दे रहा है। राज्य में चुनाव होने वाले हैं, इसलिए मीडिया का ध्यान ज्यादा है। नवोजत सिंह सिद्धू की दो बार मुख्यमंत्री से मुलाकात भी हुई थी। उनका एक पुराना कॉम्प्लेक्स ईश्यू है, जिसमें मानवीय भावनाएं जुड़ी हुई हैं। इसलिए चीजों को ठीक करने में थोड़ा समय लग रहा है।'
रावत ने कहा, 'दोनों ही लोग अच्छे नेता हैं। अमरिंदर सिंह शांत स्वभाव के अच्छे राजनेता हैं। सिद्धू जज्बाती तौर पर कांग्रेस नेतृत्व के साथ जुड़े हैं। राहुल और प्रियंका गांधी के प्रति पहले भी अपना भाव दिखा चुके हैं। वो कह चुके हैं कि उच्च नेतृत्व का जो आदेश होगा, वो उन्हें मान्य होगा। नवजोत सिंह सिद्धू का कहना है कि मैंने मुद्दों की बात कही है। अगर मुद्दों का हल हो जाता है तो मैं सरकार के साथ खड़ा हुआ दिखाई दूंगा। मुझे पूरा भरोसा है कि वो पार्टी और सरकार के साथ आने वाले दिनों में नजर आएंगे और साल 2022 की संभावनाओं को मिलकर समेटेंगे।'
पंजाब में आम आदमी पार्टी बड़ी चुनौती है या भाजपा? इस सवाल पर हरिश रावत ने कहा, 'भाजपा तो कही है ही नहीं। भाजपा लोगों को किसान विरोध के रूप में दिखाई दे रही है। अकाली दल जो कल तक उनके दोस्त थे, आज भी अंदर से उनके दोस्त हैं, लेकिन बाहर उनका नाम लेना पसंद नहीं करते। हमारा मानना है कि पंजाब में कांग्रेस के सामने कोई चुनौती नहीं दिख रही है।'