उत्तर प्रदेश के जामुन का स्वाद अब लंदन वाले भी लेंगे। पहली बार प्रदेश के जामुन का लंदन निर्यात किया गया है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के एजीएम डॉ. सीबी सिंह ने रविवार को बताया कि यूपी के जामुन का लंदन के बाजार में स्वागत हो रहा है। आम के अलावा इस फल के निर्यात की भी काफी संभावनाएं हैं।

निर्यातकों को गुणवत्ता वाले फल और पैकेजिंग प्रौद्योगिकी के कारण दूर के बाजारों में शिपमेंट भेजने में सफलता मिली। जामुन की मांग को देखते हुए, यूरोप और मध्य पूर्व देशों में उच्च गुणवत्ता वाले जामुन के फलों के उत्पादन और निर्यात की अच्छी संभावनाएं है। उत्तर प्रदेश से लंदन में जामुन की पहली सफल खेप के निर्यात ने निर्यातकों और किसानों को इस स्वदेशी फल की खेती एवं व्यापार की संभावनाओं को बढ़ा दिया है। 

पहली बार बिठूर (कानपुर) में उत्पादित जामुन के फलों का निर्यात एपीडा पंजीकृत निर्यातक द्वारा जून के पहले सप्ताह में किया गया और निर्यात जारी रखा जा रहा है। हाल के वर्षों में, भारतीयों और विदेशों में जामुन के फलों की लोकप्रियता में अपार वृद्धि हुई है। जामुन मधुमेह रोधी गुणों के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट, साथ ही बड़ी संख्या में बायोएक्टिव यौगिक भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इनका मानव स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होने के प्रमाण वैज्ञानिक प्रयोगों पर आधारित है। 

अविश्वसनीय बायोएक्टिव यौगिक हृदय, स्वास्थ्य, पाचन और मसूड़ों के स्वास्थ्य सुधार में सहायता करते हैं। जामुन के कई स्वास्थ्य लाभों के कारण, कुछ जामुन के शौकीन गूदे का आनंद तो लेते ही हैं और स्वास्थ्य सप्लीमेंट के रूप में उपभोग करने के लिए गुठली का पाउडर बनाकर रख लेते हैं। 

पहले जामुन की निर्यात संभावनाओं से अनभिज्ञ निर्यातक अब इस अनोखे फल को यूरोपीय देशों में निर्यात करने की योजना बना रहे हैं। जहां लोग इस तरह के दुर्लभ और विदेशी उत्पाद के लिए प्रीमियम मूल्य का भुगतान करने को तैयार हैं। अधिकांश यूरोपीय बाजारों में जामुन एक दुर्लभ फल है। नतीजतन, अगर इस फल के व्यवस्थित निर्यात को प्रोत्साहित किया जाता है तो उत्पादक और निर्यातक उचित लाभ कमा सकेंगे।