भोपाल । प्रदेश की ‎शिवराज सरकार सरकारी उचित मूल्य की राशन दुकानों का अब रंग बदलने जा रही है, साथ ही इन दुकानों का स्थान भी तय ‎किया जाएगा। इतना ही नहीं, अब दुकानों में सरकार की प्रमुख योजनाओं का नाम भी दर्ज होगा। राज्य सरकार राशन दुकानों का स्वरूप जल्द ही बदलेगी। प्रदेश में शासकीय उचित मूल्य की अधिकांश दुकानें प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां चलाती हैं। इन समितियों का मुख्य कार्य किसानों से जुड़ा है। इसलिए तय किया गया है कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान का नाम ऐसा रखा जाएगा जिसमें किसान भी शामिल हों। साथ ही इनके लिए अलग से एक निश्चित स्थान सुनिश्चित किया जाएगा। इतना ही नहीं, इन दुकानों का रंग भी एक जैसा होगा। इन दुकानों में सरकार की प्रमुख योजनाओं का नाम भी दर्ज होगा। गौरतलब है कि प्रदेश में 25 हजार 209 उचित मूल्य की दुकानें हैं। इनके माध्यम से लगभग एक करोड़ 11 लाख परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत रियायती दरों पर राशन दिलाया जाता है। कोरोना संकट के कारण केंद्र और राज्य सरकार उपभोक्ताओं को नि:शुल्क खाद्यान्न् दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर तक निश्‍शुल्क खाद्यान्न् देने का एलान किया है। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग इसके हिसाब से तैयारियां कर रहा है। सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लगभग 16 हजार सहकारी समितियां, साढ़े चार हजार उपभोक्ता सहकारी भंडार और डेढ़ सौ वनोपज समितियां दुकानों का संचालन कर रही हैं। स्व-सहायता समूह और निजी क्षेत्र को भी दुकानें संचालित करने के लिए दी गई हैं। मालूम हो ‎कि पिछले दिनों सहकारिता मंत्री डॉ.अरविंद सिंह भदौरिया और खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने अधिकारियों के साथ उचित मूल्य की दुकान के माध्यम से बंटने वाले खाद्यान्न् की व्यवस्था को लेकर बैठक की थी। इसमें ही प्रस्तावित बदलावों की रूपरेखा बनी थी।