भोपाल । लॉकडाउन में जहां देश के प्रधानमंत्री गरीब जनता को राहत देने के लिए फ्री राशन बांटने की घोषणा कर रहे हैं तो वहीं राजधानी के कई राशन दुकान संचालक आपदा में कालाबाजारी के अवसर तलाश रहे हैं। स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के चलते दुकान संचालक फ्री वाला राशन जनता को बांटने के बजाय अपने झोली भरने में लगे हैं। राशन नहीं देने के लिए तरह-तरह के बहाने करने वाले राशन दुकान के संचालक कोरोना काल में भी कालाबाजारी कर मोटी रकम बना रहे हैं। ऐसे ही मामलों में धांधली करने वाले चार मुनाफाखोर राशन दुकान संचालकों पर एफआईआर दर्ज कराई गई। यह एफआईआर जनता से धोखा करने वाले चलते चोर बाजारी निवारण अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दर्ज कराकर तत्काल जेल भेजने के आदेश कलेक्टर अविनाश लवानिया ने जारी कर दिए है। प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति गुनगा द्वारा संचालित शा.उ.मू. दुकान में विक्रेता विजेन्द्र पिता भुजवल सिंह व सहायक आरिफ खां पिता नफीस खां के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है। जांच के दौरान स्टॉक में गेहूं 0.17 अधिक पाया गया था। वहीं चावल 10.90 क्विंटल अधिक पाया गया। बाजरा 8.99 क्विंटल अधिक व केरोसीन 478 लीटर स्टॉक में कम पाया गया। दो महीने का राशन वितरित नहीं किया गया। 169 में से मात्र एक व्यक्ति को राशन वितरित किया गया। इधर, सेवा सहकारी समिति कुठार द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान निपानियाजाट के देवेन्द्र सिंह जाट पिता बलवंत सिंह व सेवा सहकारी समिति कुठार द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान चंदेरी के विक्रेता सुरेश उपाध्याय पिता रामधार उपाध्याय के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई है। इन्हें तत्काल जेल भेजने के आदेश दिए गए है।इसी प्रकार सेवा सहकारी समिति रतुआ रतनपुर द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान गंगाराम प्रजापति पिता घासीराम प्रजापति के खिलाफ पुलिस थाना गुनगा तहसील बैरसिया में दर्ज करवाया गया। स्टॉक गेहूं 69.53 क्विंटल कम, चावल 14.25 क्विंटल अधिक व केरोसीन 42 लीटर अधिक पाया गया है।
चार राशन दुकान संचालकों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
आपके विचार
पाठको की राय