
जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सर्वदलीय बैठक में वीसी के जरिए बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार वैक्सीनेशन प्रोग्राम को गति देने में कोई कोर कसर नहीं छोड रही है उसी कड़ी में अब राज्य के सभी एज गु्रप को वैक्सीनेशन की व्यवस्था एक ही सेंटर पर की जा रही है। उन्होने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए जमीनी स्तर पर जागरूकता लाने और इसे लेकर पनपी भ्रांतियों को दूर करने की अपील की जा रही है। इस अवसर पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि तीसरी लहर से मुकाबला करने के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई है। तीसरी लहर आएगी या नहीं यह अभी साफ नहीं है, लेकिन सरकार तैयार है। सभी दल के प्रतिनिधि मिलकर कोरोना से लड़ें। गलती केंद्र और राज्य सरकार दोनों से हो सकती हैं, यह वक्त गलतियां देखने का नहीं मिलजुलकर आगे बढऩे का है। स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि वैक्सीनेशन पर पहले केंद्र ने 18 से 44 साल के एजग्रुप वालों का खर्च राज्यों पर डाल दिया। इस पर राजस्थान में 3000 करोड़ का खर्च आता। हमने 100 करोड़ एडवांस देकर वैक्सीन मंगवाई, लेकिन डिमांड के मुकाबले देश में वैक्सीन नहीं मिल रही थी। हमें ग्लोबल टेंडर करना पड़ा। पीएम ने बाद में 18 साल से 44 साल के एजग्रुप का वैक्सीनेशन भी फ्री कर दिया। यह फैसला पहले कर लेते तो भ्रांतियां नहीं फैलती। वीसी के प्रेजेटेशन की शुरूआत में स्वास्थ्य विभाग के सचिव सिद्धार्थ महाज ने बताया कि अब तक प्रदेश में 2.08 करोड़ वैक्सीन डोज लग चुके हैं। इनमें 1.74 करोड़ लोगों को पहली डोज लग चुकी है। 33.88 लाख लोगों को अब तक दूसरी डोज लग चुकी है। 45 साल से 59 साल के एजग्रुप वाले 1.17 करोड़ लोगों को पहली डोज और 25.45 लाख को दूसरी डोज लग चुकी है। 60 साल से ज्यादा उम्र वाले 57.37 लाख लोगों को पहली डोज और 17.61 लाख सैकंड डोज लग चुकी है। 18 से 44 साल के एजग्रुप वाले 44.57 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इसे ओर आगे बढ़ाते हुए 21 जून से 18 साल से ऊपर के एज ग्रुप बनाया है। 18 साल से ऊपर के हर व्यक्ति को एक ही सेंटर पर वैक्सीन लगाई जाएगी। अप्रैल में हर सप्ताह 30 लाख वैक्सीन लगी हैं। जून में 20 लाख एक साथ आई तो 4 लाख से ज्यादा रोजाना वैक्सीन लगाई। एक दिन में 12 से 15 लाख वैक्सीन लगाने की क्षमता है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि गांवों में ऑन साइट रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था होगी। वर्कसाइट रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं। गांव में पहले बताया जाएगा फिर शत प्रतिशत ऑन साइट रजिस्ट्रेशन होगा। गांव वालों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने की बाध्यता नहीं होगी।