जयपुर । राजस्थान के रणथंभौर में बाघिन टी- 111 चार शावकों के साथ नज़र आई है। अब रणथंभौर में शावकों की कुल संख्या 18 हो गई है। इसके बाद अब रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर की ओर से क्षेत्र में मॉनिटरिंग बढ़ा दी गयी है। मामले को लेकर चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन एम एल मीना ने मानसून के दौरान सभी बाघों की गहन निगरानी के निर्देश दिए हैं। 
सवाई माधोपुर के मुख्य वन संरक्षक टीसी वर्मा का कहना है कि रणथंभौर बाघ परियोजना की रेंज कुंडेरा के लक्कड़दा क्षेत्र स्थित आडी डगर नाले में शनिवार सुबह फील्ड बायोलॉजिस्ट को बाघ के चार बच्चे दिखाई दिए। मौके पर बच्चों की मां दिखाई नहीं दी। इसके बाद शाम को टीसी वर्मा ने अन्य अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया, तो बच्चों के साथ उनकी मां भी दिखाई दे गई। मां की पहचान बाघिन टी-111 के रूप में हुई है। चारों बच्चों की उम्र करीब 2 महीने की बताई जा रही है।
वहीं, रणथंभौर टाइगर रिजर्व के डीसीएफ महेंद्र शर्मा ने कहा कि वर्तमान में रणथंभोर बाघ परियोजना क्षेत्र में फेज 4 मॉनिटरिंग के अंतर्गत कैमरा ट्रैप लगाए जा रहे हैं। पिछले 2 महीनों से बाघिन टी-111 के व्यवहार एवं शारीरिक संरचना से लग रहा था कि उसने बच्चों को जन्म दिया है। उन्होंने बताया कि शावकों सहित बाघिन टी-111 के देखे जाने के बाद क्षेत्र में मॉनिटरिंग बढ़ा दी गई है। इन बच्चों के साथ अब रणथंभौर बाघ परियोजना में कुल 69 बाघ हो गए हैं। यहां 21 नर बाघ, 30 मादा और 18 शावक हो गए हैं। इसके अतिरिक्त रणथंभौर बाघ परियोजना करौली के अधीन कैला देवी अभ्यारण्य में एक नर बाघ, एक मादा बाघ और दो शावक सहित कुल 4 तथा धौलपुर में एक नर बाघ, एक मादा बाघ और दो शावकों सहित कुल चार बाघ मौजूद हैं।