नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुखपत्र केसरी में 17 अक्टूबर को छपे एक लेख में अप्रत्यक्ष रूप से यह इशारा किया गया है कि नाथूराम विनायक गोडसे को महात्मा गांधी को नहीं बल्कि जवाहरलाल नेहरू को मारना चाहिए था। यह लेख आरएसएस के मुखपत्र केसरी में प्रकाशित किया गया है।

एक अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित लेख में भाजपा नेता बी गोपालकृष्णन ने लिखा है कि देश के बंटवारे और महात्मा गांधी की हत्या सहित देश की सभी त्रासदियों का कारण नेहरू का स्वार्थ था।

गोपालकृष्णन की दलील है कि अगर इतिहास के छात्रों ने ईमानदारी से बंटवारे के पहले के एतिहासिक तथ्यों और गोडसे के विचारों का अध्ययन किया होता तो वे इस निष्कर्ष पर पहुंच सकते थे कि गोडसे ने गलत निशाना चुना।

इस लेख में सफाई दी गई है कि न तो गोडसे स्वयंसेवक ही था और न ही गांधी की हत्या में संघ का कोई हाथ था। लेख में कहा गया है कि वैश्रि्वक नेता बनने के लिए नेहरू को गांधी जी का नाम, खादी और टोपी चाहिए थी। गोडसे जवाहरलाल नेहरू से कहीं बेहतर था। उसने सम्मानपूर्वक झुकने के बाद गांधी को गोली मारी थी। वह नेहरू जैसा नहीं था कि आगे से झुका और पीठे में छुरा घोंप दिया।

गौरतलब है कि गोपालकृष्णन केरल की चालाकुडी लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार रह चुके हैं। इस लेख के प्रकाशित होने के बाद सियासत में तूफान आने की पूरी आशंका है।