गोहाना (हरियाणा) : दिवाली के इस मौसम में हरियाणा के एक पान विक्रेता को उस वक्त करारा झटका लगा जब उन्हें राज्य सरकार के बिजली विभाग की ओर से 132.29 करोड़ रुपए का बिल थमा दिया गया। हालांकि, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) ने सफाई दी है कि पान विक्रेता को 132 करोड़ रुपए का बिजली बिल थमाया जाना ‘भारी भूल’ थी जो उस सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामी की वजह से हुई जिससे ऑनलाइन बिल तैयार किए जाते हैं।
इस ‘चूक’ को स्वीकारते हुए निगम ने पाया कि राजेश चौटाला नाम के पान विक्रेता का सही बिल 1,668 रुपए है, जो 14 अक्तूबर तक दो महीने में 232 यूनिट की बिजली खपत करने पर आया है। राजेश ने कहा, ‘जब मैंने देखा कि मुझे 132.29 करोड़ रुपए का बिजली बिल चुकाना है तो मैं स्तब्ध रह गया।’ उन्होंने कहा कि उनका बिजली बिल अमूमन 900 रुपए आता है।
पान विक्रेता राजेश ने कहा कि सोनीपत जिले के गोहाना स्थित अपनी दुकान में वह सिर्फ एक पंखा और एक बल्ब का ही इस्तेमाल करते हैं। राजेश ने कहा कि उस वक्त वह स्तब्ध रह गए जब उन्होंने देखा कि ‘कम’’ बिजली खपत करने के बावजूद यूएचबीवीएन अधिकारियों ने उन्हें बिल के तौर पर इतनी बड़ी रकम चुकाने को कहा है।
घटना सामने आने के बाद मामले की जांच का आदेश देने वाले यूएचबीवीएन ने कहा कि यह एक ‘भारी भूल’ थी जो उसके उस नए सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामी की वजह से हुई जिससे ऑनलाइन बिल तैयार किए जाते हैं। यूएचबीवीएन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘ऐसा लगता है कि नए ऑनलाइन बिलिंग सॉफ्टवेयर में किसी तकनीकी खामी की वजह से इतनी बड़ी रकम वाला बिल जारी हो गया। हमने मामले की जांच शुरू कर दी है।’ यूएचबीवीएन ने बिल में दिखाया था कि राजेश ने 19 करोड़ यूनिट बिजली की खपत की है जिसकी वजह से 132.29 करोड़ रुपए का बिल बना। राजेश का सही बिजली बिल 1,668 रुपए है।
अधिकारी ने कहा, ‘हमने बिजली बिल में सुधार कर लिया है और यह उन्हें (राजेश को) दे दिया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि यूएचबीवीएन की ओर से शुरू की गई जांच में इस बात की भी पड़ताल की जाएगी कि ग्राहक को जारी किए जाने से पहले बिजली बिल पर निगरानी कर्मियों की नजर कैसे नहीं पड़ी।