
भोपाल । अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिलने के कारण पिछले चार दिन से मानसून भोपाल, नौगांव, हमीरपुर पर थमा हुआ है। वर्तमान में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कोई वेदर सिस्टम नहीं रहने के कारण अभी एक सप्ताह तक मानसून के आगे बढ़ने की संभावना भी कम ही नजर आ रही है। अरब सागर से रफ्तार के साथ आगे बढ़े दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्यप्रदेश के कुछ क्षेत्रों में प्रवेश करने के बाद ठिठककर रह गया है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कोई प्रभावी सिस्टम नहीं होने के कारण इस तरह की स्थिति बनी है। विशेषकर मालवा-निमाड़ क्षेत्र जून का पहला पखवाड़ा बीतने के बाद भी रीता पड़ा है। वातावरण में अपेक्षाकृत नमी नहीं रहने के कारण अब तापमान में बढ़ोतरी होगी। इससे उमस भी बढ़ेगी। उधर बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक खंडवा में 56.0, मलाजखंड में 11.6, दमोह में 7.0, नौगांव में 2.0, सागर में 0.8, जबलपुर में 0.7 मिलीमीटर बारिश हुई। उधर राजधानी में शाम करीब छह बजे अलग-अलग स्थानों पर कुछ समय तक तेज बौछारें पड़ीं। मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी जेपी विश्वकर्मा ने बताया कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिलने के कारण पिछले चार दिन से मानसून भोपाल, नौगांव, हमीरपुर पर थमा हुआ है। वर्तमान में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कोई वेदर सिस्टम नहीं रहने के कारण अभी एक सप्ताह तक मानसून के आगे बढ़ने की संभावना भी कम ही नजर आ रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मानसून ने 10 जून को बैतूल की तरफ से प्रवेश किया था। आगे बढ़कर मानसून 13 जून को भोपाल में भी प्रवेश कर गया, लेकिन मालवा, निमाड़ की तरफ नहीं बढ़ा। हाल ही में बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बना था। उसके छत्तीसगढ़ के रास्ते आगे बढ़ने की संभावना थी, लेकिन वह सिस्टम कमजोर पड़ने के साथ ही झारखंड से उत्तरप्रदेश की तरफ खिसक गया। हालांकि इस सिस्टम से पूर्वी मप्र में कहीं-कहीं बारिश हो रही है। बरसात के मामले में अभी तक पूर्वी मप्र तरबतर हो चुका है। शेष क्षेत्रों में इंदौर, उज्जैन, चंबल संभाग में बारिश सामान्य से काफी कम हुई है।