भोपाल । राजधानी के सैकड़ों जर्जर मकानों का पिछले पांच सालों से सर्वे नहीं हो पाया है। बारिश से पहले निगम जर्जर मकान के मालिकों को नोटिस जारी करता रहा है। निगम कमिश्नर मकान गिरने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए निर्देश देते हैं, लेकिन इस साल यह कवायद भी नहीं हुई है। पुरानी जर्जर इमारतों के मामले में सबसे ज्यादा इमारतें पुराने शहर के हिस्से में हैं। यहां 100 साल से भी ज्यादा पुरानी इमारतें हैं। पीर गेट, जुमेराती, हमीदिया रोड, चौक बाजार, इकबाल मैदान, इमामी गेट का नाम डेंजर जोन्स में शामिल हैं। यहां सबसे ज्यादा जर्जर इमारतें हैं। सबसे ज्यादा खतरा भी इन्हीं इलाकों में है, क्योंकि ये सभी इलाके बहुत भीड़भाड़ वाले हैं। राजधानी में ऐसे मकानों की संख्या 10-20 नहीं, बल्कि 300 से भी ज्यादा है, जो बुरी तरह जर्जर हैं। हालांकि नगर निगम ने इनमें से 242 मकानों को जर्जर घोषित किया है। इनकी स्थिति अब गिरे-तब गिरे वाली है। कोई हादसा हुआ तो एक दो नहीं, बल्कि कई जानों पर ये जर्जर भवन भारी पड़ सकते हैं। बता दें कि अगस्त 2014 में भी एक जर्जर मकान के गिरने से नगर निगम कर्मचारी की मौत का मामला सामने आया था। बारिश के दिनों में दुर्गा चौक स्थित गली नंबर एक में परितोष वर्मा के मकान का जर्जर हिस्सा सुबह करीब साढ़े सात बजे अचानक ढह गया। इसके मलबे में दबकर कर्मचारी की मौत हो गई थी। मानसून आते ही नगर निगम को इस विगत सालों में हुए हादसों से सबक लेते हुए जर्जर भवनों के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर देना चाहिए लेकिन अंतिम बार निगम ने नवंबर 2012 की दरमियानी रात सांई नगर में टंकी ढहने के हादसे के बाद जनवरी 2013 में ही शहर में मौजूद जर्जर मकानों की सूची तैयार की थी। अब चार साल बाद भी जर्जर मकानों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इन जर्जर मकानों पर अब तक कार्रवाई न किए जाने को लेकर निगम के जिम्मेदारों का कहना है कि 60 फीसद मकानों को ढहाने की कार्रवाई इसलिए शुरू नहीं हो पाती कि उन्हें न गिराने के लिए दबाब बनाया जाता है। जबकि 40 फीसदी मकान विवादित संपत्ति की श्रेणी में आते हैं। इस बारे में नगर निगम अपर आयुक्त एमपी सिंह का कहना है ‎कि मकान मालिकों को नोटिस जारी किया जा रहा है। जो अति जर्जर की श्रेणी में उन पर कार्रवाई करने की तैयारियां चल रही है। नेहरू नगर की एक बिल्डिंग को गिराया जाएगा इसके लिए दो दिन का समय दिया गया है। इसी तरह अति आवश्यक होने पर इन जर्जर बिल्डिंगों पर कार्रवाई की जाएगी।