जयपुर । केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भरतपुर के बंशी पहाड़पुर में खनिज सेंड स्टोन के खनन के लिए वन भूमि के डायवर्जन की प्रथम स्तरीय स्वीकृति जारी कर दी है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार की स्वीकृति के साथ ही बंशी पहाड़पुर में खनन ब्लॉक तैयार कर इनके ऑक्शन की राह प्रशस्त हो गई है। उन्होंने बताया कि इससे क्षेत्र में वैद्य खनन हो सकेगा वहीं राम मंदिर के लिए सेंड स्टोन वैद्य तरीके से खनन के माध्यम से उपलब्ध हो सकेगा।
एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अथक प्रयासों से पिछले दिनों मार्च में बंशी पहाड़पुर खनन क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से बाहर करवाया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत ने देश भर में बंशी पहाड़पुर के गुलाबी और लाल पत्थर की मांग को देखते हुए यहां हो रहे अवैद्य खनन को रोककर वैद्य खनन की अनुमति के लिए सभी संभावित प्रयास करने के निर्देश दिए और उसी का परिणाम है कि मार्च में केन्द्र सरकार द्वारा इस क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से बाहर किया गया और अब वन भूमि के डायवर्जन के प्रस्ताव की अनुमति दे दी है। उन्होंने बताया कि बंशी पहाडपुर के पत्थर की राम मंदिर निर्माण में भी मांग को देखते हुए यह राज्य सरकार के लिए संवेदनशील रहा है। माइंस एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया द्वारा भी बंशी पहाड़पुर क्षेत्र में वैद्य खनन के लिए किए जा रहे प्रयासों की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है। डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण और जलवायु मंत्रालय द्वारा आदेश में बंशी पहाड़पुर क्षेत्र के 398 हैक्टेयर क्षेत्र के डायवर्जन की प्रथम स्तरीय अनुमति जारी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि अब विभाग द्वारा जल्दी ही इस क्षेत्र में डेलिमेनेशन का काम किया जाकर ऑक्शन हेतु ब्लॉक तैयार किए जाएंगे और उन्हें ई-ऑक्शन के माध्यम से नीलाम किया जा सकेगा।