जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पशुपालन, गोपालन विभाग तथा राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन (आरसीडीएफ) की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि के साथ-साथ पशुपालन गतिविधियों का हमारी अर्थव्यवस्था में अहम योगदान है। राजस्थान में इस क्षेत्र के विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बजट में पशुपालन के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। इन घोषणाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने का प्रयास किया जाए, ताकि इस क्षेत्र का राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में हिस्सा और बढ़े तथा किसानों एवं पशुपालकों की आय में भी वृद्धि हो।
उन्होंने कहा कि हमारे पिछले कार्यकाल में हमने मूक पशुओं की पीड़ा को समझते हुए मुख्यमंत्री पशुधन निशुल्क दवा योजना शुरू की थी। अब गांव-ढाणी तक पशुधन के लिए चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेशभर में चरणबद्ध रूप से 1478 ग्राम पंचायतों में नए पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोले जा रहे हैं तथा 200 पशु चिकित्सा उप केंद्रों एवं 198 पशु औषधालयों को पशु चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन बजट घोषणाओं को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में पशुधन की बहुलता को देखते हुए डेयरी के विकास की बड़ी संभावनाएं छिपी हुई हैैं। राज्य में अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे गांव हैं, जो अब तक संगठित रूप से डेयरी सेक्टर से नहीं जुड पाए हैं। आरसीडीएफ इन क्षेत्रों को जोडक़र सरस डेयरी का विस्तार करे। उन्होंने कहा कि कृषि की तरह ही डेयरी में भी प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही, डेयरी उत्पादों की श्रृंखला का बड़े पैमाने पर विस्तार कर इनकी प्रभावी मार्केटिंग पर जोर दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा सेक्टर है, जिसके जरिए रोजगार के बड़े अवसर सृजित किए जा सकते हैं और किसानों एवं पशुपालकों की समृद्धि को बढ़ाने में यह महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।  गहलोत ने निर्देश दिए कि प्रदेश में विशेष अभियान चलाकर नए डेयरी बूथों के आवंटन को गति दी जाए। अगले दो माह में अधिकाधिक डेयरी बूथों का आवंटन हो।