भोपाल । राजधानी के  ‎निजी अस्पतालों का अब कोरोना मरीजों की सेवा से मोहभंग हो गया है। यही वजह है ‎कि जिले के 121 निजी अस्पतालों में से मात्र  28 अस्पतालों ने ही कोरोना इलाज के ‎लिए दोबारा मंजूरी ली है। अभी तक जिले के 121 निजी अस्पतालों में कोरोना का इलाज चल रहा था। इसमें शहर के निजी मेडिकल कॉलेज भी शामिल थे। प्रदेश सरकार ने निजी अस्‍पतालों से 10 जून के बाद कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए फिर से अनुमति लेने के लिए कहा था। किंतु अभी तक सिर्फ 28 निजी अस्पतालों ने ही फिर से कोरोना का इलाज करने की अनुमति ली है। अनुमति लेने वालों में ज्यादातर शहर के बड़े निजी अस्पताल हैं। अनुमति संबंधी आदेश कलेक्टर के यहां से जारी हो गए हैं। गौरतलब है कि राजधानी भोपाल में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार कम होने के बाद कुछ निजी अस्पतालों में कई दिन से एक भी मरीज नहीं है। कोरोना संक्रमण दर भी लगातार घट रही है। इस कारण अस्पतालों ने दोबारा अनुमति नहीं ली है। निजी अस्पतालों में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज फिलहाल चिरायु मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। अस्पताल संचालकों ने कहा कि मरीज फिलहाल कम हैं, इसलिए अनुमति नहीं ली है। यदि कोरोना की तीसरी लहर आती है और मरीज बढ़ते हैं तो फिर से अनुमति लेकर इलाज शुरू करेंगे। दोबारा अनुमति न लेने के पीछे एक वजह यह भी है कि निजी अस्पतालों को कोविड हॉस्पिटल बनाए जाने के बाद वहां गैर-कोरोना मरीजों का इलाज बंद हो गया था। अब यह फायदा होगा कि इन अस्पतालों में गैर कोरोना मरीजों का इलाज शुरू हो सकेगा। इससे गैर कोरोना मरीजों की दिक्‍कतें भी आसान हो जाएंगी और उन्‍हें इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।