एमवाय के गेट पर तडपती रही वृद्धा, धोखे से किया डिस्चार्ज 
डाॅक्टर बोले - यहां नहीं, दूसरे अस्पताल ले जाओ

प्रदेश के सबसे बडे अस्पताल इन्दौर के महाराजा यशवंतराव (एमवाय) अस्पताल में सात जून की शाम को एक अमानवीय हरकत सामने आई। अस्पताल प्रशासन ने एक 75 वर्षीया घायल वृद्धा को इलाज के बिना ही बाहर कर दिया। यही नहीं, वृद्धा के गरीब परिजनों से कागजात पर धोखे से हस्ताक्षर करवाये और मरीज का डिस्चार्ज कार्ड भी बना दिया। इंसानियत तब और शर्मसार हो गई, जब महिला को अस्पताल से बाहर करने के लिये उनका स्ट्रेचर गेट पर लगा दिया गया। इस दौरान महिला को खून की बोतल चढी हुई थी। इलाज की उम्मीद लेकर आये परिजन हाथ में बोतल लिये खडे रहे और खून के आंसू रोते रहे। मरीजों की जान के साथ खिलवाड करने के लिये आये दिन विवादों में रहने वाले प्रदेश के सबसे बडे सरकारी अस्पताल एमवाय में कल शाम को इलाज के लिये आई एक वृद्ध महिला को धोखे से स्टाफ ने बिना इलाज के ही बाहर कर दिया। मामला शाजापुर जिले की 75 वर्षीया धामूबाई राठौर का है। धामूबाई के पोते मोहित का आरोप है कि हमें डाॅक्टरों ने कहा कि धामूबाई को यहां नहीं, सीएचएल अस्पताल ले जाओ। मोहित ने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वे गरीब परिवार से हैं। आप लोगों से ही इलाज की उम्मीद है। इसके बावजूद स्टाॅफ का दिल नहीं पसीजा और वे धामूबाई को डिस्चार्ज करने की कवायद करने लगे। आयोग ने इस मामले में क्षेत्रीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, इन्दौर तथा अधीक्षक, एमवाय अस्पताल, इन्दौर से सभी आवश्यक दस्तवेजात सहित 10 दिन में तथ्यात्मक प्रतिवेदन मांगा है।