नई दिल्ली। दीपिका पादुकोण के साथ 2020 की फिल्म 'छपाक' में अभिनय करने वाले अभिनेता विक्रांत मैसी एक्ट्रेस का साथ देते नजर आए। बॉलीवुड में काम के घंटों को लेकर चल रही बातचीत पर विक्रांत मैसी ने रिएक्टर किया है। एक्टर इन दिनों अपनी फिल्म आंखों की गुस्ताखियां को लेकर चर्चा में हैं। इस मूवी में विक्रांत शनाया कपूर के साथ नजर आएंगे।
बहुत जल्द फिल्मों में वापसी करेंगी दीपिका
काम के घंटों को लेकर बाद तब छिड़ी जब खबर आई की दीपिका पादुकोण ने संदीप रेड्डी वांगा से 8 घंटे का वर्किंग टाइम रखने की मांग की थी जिसकी वजह से उन्हें फिल्म से निकाल दिया गया। रेड्डी को दीपिका की डिमांड पसंद नहीं आईं और उन्होंने प्रभास के अपोजिट तृप्ति डिमरी को कास्ट कर लिया। दीपिका पादुकोण ने पिछले साल 8 सितंबर को एक बेटी को जन्म दिया था जिसका नाम उन्होंने प्यार से दुआ रखा है। इसके बाद से एक्ट्रेस लगातार मेटरनिटी ब्रेक पर थीं। हालांकि अब वो बहुत जल्द वापसी करने के लिए तैयार हैं। संदीप की फिल्म स्पिरिट से आउट होने के बाद दीपिका के हाथ एटली की एक फिल्म लगी जिसमें वो अल्लू अर्जुन के अपोजिट नजर आएंगी।
दीपिका ने वर्क लाइफ बैलेंस को मेंटेन करने और बेटी को टाइम देने के लिए ये निर्णय लिया। अब इस मामले में विक्रांत मैसी भी दीपिका पादुकोण का साथ देते नजर आए।
12 घंटे काम नहीं करूंगा- विक्रांत
विक्रांत ने इंटरव्यू में कहा कि वह भी एक ऐसे दिन का सपना देखते हैं जब वह एक निश्चित शिफ्ट में काम कर सकें। विक्रांत ने कहा, "शायद कुछ सालों में...मैं बाहर जाकर कहना चाहता हूं कि हम सहयोग कर सकते हैं, लेकिन मैं केवल आठ घंटे काम करूंगा। लेकिन साथ ही, यह एक विकल्प भी होना चाहिए।"
निर्माता के पास भी कई चुनौतियां होती हैं
निर्माताओं के सामने आने वाली वित्तीय और लॉजिस्टिक चुनौतियों को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा, "अगर मेरा निर्माता इसे अफॉर्ड नहीं कर सकते क्योंकि जब आप एक फिल्म बना रहे होते हैं तो इसमें बहुत सी अन्य चीजें भी शामिल होती हैं। पैसा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और मुझे अपनी फीस कम करनी होगी क्योंकि मैं 12 घंटे नहीं बल्कि आठ घंटे काम करूंगा।"
विक्रांत ने आगे स्पष्ट किया, "अगर मैं अपने निर्माता को दिन में 12 घंटे नहीं दे सकता, तो मैं वहां जाकर अपनी फीस कम नहीं कर सकता। मुझे अपनी फीस कम करनी चाहिए। यह देना और लेना है। है ना? एक मां होने की वजह से दीपिका को आठ घंटे काम करने का अधिकार है।"