इंदौर. प्रदेश के लिए अच्छी खबर है. जिस ब्लैक फंगस के इंजेक्शन एंफोटेरिसिन- बी ओर पोसोकोनजोल के लिए मारामारी मची हुई है, वो अब इंदौर में ही बनेंगे. मॉडर्न ग्रुप ने इसकी तैयारी कर ली है. ग्रुप मैनेजमेंट ने बताया कि केंद्र सरकार ने जिन लेबोरेट्रीज को यह दवा बनाने की मंजूरी दी है, उनमें मॉडर्न लेबोरेट्री भी है.

मॉडर्न ग्रुप के डायरेक्टर डॉ. अनिल खरिया ने मीडिया को बताया कि लायसेंस मिलने के बाद मॉडर्न लेबोरेटरी रोज 10 हजार वाइल्स इंजेक्शन बनाने की तैयारी में है. डॉ. अनिल खरिया ने रविवार को बताया कि ब्लैक फंगस की दवाओं की लगातार कालाबाजारी हो रही थी. इसकी वजह से लोग तो परेशान थे ही, शासन-प्रशासन को भी परेशानी हो रही थी.

कालाबाजारी खत्म हो जाएगी- खरिया

डॉ खरिया ने कहा कि इसी को देखते हुए मॉडर्न लैबोरेट्री द्वारा बड़े स्तर पर इन जीवन रक्षक दवाओं का उत्पादन किया जा रहा है. इससे कालाबाजारी की समस्या खत्म हो सकेगी. खरिया की मानें तो  भारत सरकार द्वारा केवल पांच कंपनियों को इंजेक्शन और दवाई निर्माण की अनुमति दी गई है, जिसमें मॉडर्न लैबोरेट्री भी शामिल है. अगले 15 से 20 दिनों में यह प्रोडक्ट मार्केट में उपलब्ध हो जाएगा. जिस तरह से देश में ब्लैक फंगस महामारी के इंजेक्शन और जीवन रक्षक दवाइयों की कमी के चलते लोगों की जान जा रही है, इससे अब राहत मिल सकती है.इंदौर पर इसलिए भी नजर

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण अब धीरे-धीरे कम होने लगा है. लेकिन, दूसरी वेव ने बीते तीन महीने में जिस तरह कहर बरपाया उसके बाद अब यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि प्रदेश में कौन से शहर या जिले कोरोना वायरस के सुपर स्प्रेडर हैं. क्या ये जिले इंदौर और भोपाल हैं? क्योंकि, कोरोना वायरस के दौरान सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले वाले शहरों में इन शहरों का नाम हर वक्त टॉप पर ही है.