
भोपाल : मुख्य सचिव अनुराग जैन ने बाढ़ राहत एवं बचाव संबंधी राज्य स्तरीय समिति की बैठक में निर्देश दिये हैं कि बाढ़ राहत और बचाव संबंधी निर्देशों के दृष्टिगत एक चेक लिस्ट बनाई जाये और उक्त अनुसार सभी विभाग अगले 15 दिनों के अंदर सौंपे गये दायित्वों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि उड़ीसा में आपदा प्रबंधन पर हुए अच्छे कार्यों को मॉडल बनाकर राज्य में उसी तरह का सिस्टम विकसित किया जाये, जिससे जनहानि से बचा जा सके। उन्होंने राजस्व, गृह, कृषि, जल संसाधन, और मौसम विभाग को मिलकर समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिये। बैठक मेंगृह विभाग को बाढ़ राहत संबंधी कार्यों का नोडल विभाग बनाये जाने का निर्णय लिया गया।
मुख्य सचिव जैन ने विभिन्न विभागों को बाढ़ से बचाव और राहत संबंधी अनेक दायित्व सौंपे हैं। मानसून पूर्व बाढ़ एवं अतिवृष्टि से निपटने के लिए हुई राज्य स्तरीय समिति की बैठक में गृह विभाग को सेना से समन्वय, बाढ़ बचाव उपकरणों की तैयारी, प्रशिक्षित तैराकों की सूची और नियंत्रण कक्ष से समन्वय की जिम्मेदारी दी गई। राजस्व विभाग को सभी कलेक्टर को चैक-लिस्ट अनुसार तैयारी, आपदा की स्थिति में क्षति आकलन और समय पर राहत वितरण सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को अस्थायी शिविरों के लिए भवन चयन, जर्जर भवनों के चिंहांकन की कार्रवाई, निचले क्षेत्रों से आबादी का स्थानांतरण और खुले बोरवेल/कुओं की सुरक्षा के निर्देश दिए गए हैं। लोक निर्माण विभागको पुलों पर बैरियर, जर्जर भवनों की मरम्मत और चेतावनी बोर्ड लगाने का कार्य सौंपा गया है। परिवहन विभागको बसों की फिटनेस जांच, ओवरलोडिंग पर नियंत्रण और बाढ़ में सुरक्षित यातायात की व्यवस्था सुनिश्चित करने का दायित्व मिला है। नगरीय विकास विभाग को नालों की सफाई, निचली बस्तियों को खाली कराने और जर्जर भवनों की मरम्मत सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
जल संसाधन विभाग को बांधों की मजबूती, जल निकासी, पूर्वानुमान और बाढ़ संभावित गांवों का चिन्हांकन करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। स्वास्थ्य विभाग को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में चिकित्सा, दवाएं, टीकाकरण और महामारी रोकथाम के लिए आवश्यक सामग्री की व्यवस्था के साथ सर्पदंश के उपचार में प्रयुक्त एंटीवेनम की पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को स्वच्छ पेयजल, शुद्धिकरण, क्लोरीन टैबलेट वितरण और निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। कृषि विभाग को खाद-बीज का भंडारण, समय पर वितरण और कीट-व्याधि पर निगरानी का दायित्व दिया गया है। पशुपालन विभाग को पशुचिकित्सा दल, दवाएं, चारे का भंडारण और मृत पशुओं के सुरक्षित निपटान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। खाद्य विभाग को खाद्यान्न और आवश्यक राहत सामग्री का भंडारण, मूल्य निर्धारण और वितरण की व्यवस्था करना होगी। नर्मदा घाटी विकास विभागको बड़े बांधों से पानी छोड़ने का समन्वय, कंट्रोल रूम संचालन और बाढ़ की चेतावनी संबंधी प्रचार की जिम्मेदारी दी गई है। ऊर्जा विभाग को राहत स्थलों पर विद्युत आपूर्ति, वैकल्पिक व्यवस्था, फील्ड टीम गठन और पब्लिक सूचना की जिम्मेदारी दी गई है। महिला एवं बाल विकास विभाग को महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, परामर्शदाताओं की मदद से सुरक्षित निष्क्रमण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
मौसम विभाग को मानसून के दौरान वर्षा की दैनिक जानकारी और मौसम का पूर्वानुमान प्रतिदिन गृह, जल संसाधन विभाग और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकारण को नियमित रूप से देनी होगी। दूरदर्शन तथा आकाशवाणी को भारी वर्षा तथा बाढ़ की स्थिति में जिला प्रशासन या राज्य शासन के निर्देश पर पूर्व चेतावनी और स्थानीय लोगों को सही जानकारी देते हुए सचेत करने में सहयोग करना है।
उच्च स्तरीय समिति की बैठक में अपर मुख्य सचिव जे.एन. कंसोटिया, डॉ. राजेश राजौरा, संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल, संदीप यादव, एम. सेल्वेन्द्रन, आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव के अतिरिक्त मौसम विभाग, आर्मी के अधिकारी उपस्थित थे। अन्य विभागों के अधिकारी-वर्चुअल उपस्थित रहे।