इंदौर: मध्य प्रदेश में मेट्रो चलाने को लेकर तैयारियां जोरों पर जारी हैं. प्रदेश के ज्यादातर शहरों में मेट्रो बनकर पटरियों पर दौड़ने कौ तैयार है. इंतजार है तो बस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से उद्घाटन का, आखिरकार वो दिन आ गया है. प्रधानमंत्री 31 मई को देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती के अवसर पर वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर इंदौर में मेट्रो ट्रेन का शुभारंभ करेंगे.
पीएम मोदी 31 मई को करेंगे मेट्रो का उद्घाटन
दरअसल, इंदौर मेट्रो के पहले चरण में 6 किलोमीटर के हिस्से में मेट्रो के संचालन की तैयारी की गई है, जो सुपर कॉरिडोर के गांधीनगर मेट्रो डिपो से 6 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर के बीच चलेगी. हाल ही में इंदौर मेट्रो के 6 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर को कमर्शियल रन के लिए उपयुक्त माना गया था.
कलेक्टर ने मेट्रो ट्रैक का किया निरीक्षण
इसे लेकर व्यापक तैयारियां की जा रही थी, लिहाजा 27 मई मंगलवार को इंदौर कलेक्टर ने सुपर कॉरिडोर स्थित मेट्रो ट्रैक और स्टेशनों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने बताया, " प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 मई को वर्चुअली इंदौर मेट्रो के सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर पर यात्री सेवा का शुभारंभ करेंगे. यह लगभग 6 किलोमीटर का हिस्सा यलो लाइन का सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर है, जिसमें, गांधीनगर स्टेशन, सुपर कॉरिडोर 6 स्टेशन, सुपर कॉरिडोर 5 स्टेशन, सुपर कॉरिडोर 4 स्टेशन और सुपर कॉरिडोर 3 स्टेशन शामिल हैं." बड़ी बात यह है कि पहले हफ्ते इंदौर मेट्रो में आमजन निःशुल्क यात्रा कर सकेंगे.
यलो लाइन में कुल 28 स्टेशन होंगे
यह कॉरिडोर ट्रैफिक और प्रदूषण कम करेगा, साथ ही यात्रियों को आरामदायक सफर प्रदान करेगा. यह सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है, उल्लेखनीय है कि इंदौर में कुल 31.32 किलोमीटर लंबी (22.62 किमी एलेवेटेड एवं 8.7 किमी भूमिगत) इस मेट्रो की यलो लाइन पर 28 स्टेशन होंगे.
7500 करोड़ रुपए की लागत बन रही इंदौर मेट्रो
आपको बता दें कि मेट्रो के 31.32 किलोमीटर के सम्पूर्ण प्रोजेक्ट की लागत लगभग 7500 करोड़ रुपये है. प्रारंभिक तौर पर 6 किलोमीटर के कॉरिडोर का उद्घाटन होना है, जिसकी लागत लगभग 1520 करोड़ रुपए है. यह परियोजना इंदौर को एक आधुनिक, पर्यावरण-अनुकूल शहर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
इंदौर मेट्रो की खास बातें
- वातानुकूलित, प्रदूषण रहित आधुनिक कोच.
- एक ट्रेन की यात्री क्षमता: लगभग 980 यात्री.
- सभी स्टेशनों पर लिफ्ट, एस्केलेटर होंगे.
- दिव्यांगजनों के लिए ब्रेल लिपि और स्पर्शनीय टाइलें.
- सभी स्टेशन व डिपो पर CCTV कैमरे और अग्निशमन उपकरण.
- यात्रियों की सुरक्षा हेतु आपातकालीन बटन और इंटरकॉम.
- दृष्टिहीन यात्रियों के लिए ऑडियो अनाउंसमेंट प्रणाली.
- व्हीलचेयर, बैठने की सुविधा, शौचालय, पीने का पानी.
- QR आधारित टिकटिंग, AI ट्रैकिंग, कंट्रोल सेंटर.