गुजरात में मनरेगा घोटाले के खुलासे के बाद अब पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. मनरेगा घाटे में नाम आने के बाद पंचायत और कृषि राज्य मंत्री बच्चूभाई खाबड़ के बड़े बेटे बलवंत को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था अब इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उनके छोटे बेटे किरण खाबड़ को भी गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी 71 करोड़ रुपये के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) से जुड़े घोटाले के सिलसिले में की गई हैं.
पुलिस उपाधीक्षक और इस केस के जांच अधिकारी जगदीशसिंह भंडारी ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि किरण के साथ दो सहायक कार्यक्रम पदाधिकारियों यानी APO को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार अब तक इस मामले में कुल 11 लोगों को हिरासत में लिया है. भंडारी के अनुसार किरण पहले तालुका विकास अधिकारी रह चुका है.
बिना काम किए निकाले पैसे
पुलिस जांच में सामने आया है कि कई ठेकेदार एजेंसियों ने मनरेगा के तहत फर्जी डॉक्यूमेंट और झूठे वर्क कंपीलशन सर्टिफिकेट के आधार पर बिना काम किए ही सरकार से पैसा निकलवा लिया. यह घोटाला साल 2021 से 2024 के बीच किया गया है. जांच एजेंसियों के मुताबिक अब तक इस घोटाले में कुल 71 करोड़ रुपये सरकारी खजाने से लिए जा चुके हैं.
जमीन में नहीं हुआ निर्माण
जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि जिन ठेकेदारों ने मनरेगा का काम किया है उनके पास या तो एक्सपीरियंस ही नहीं था या फिर वे सरकारी ठेके लेने के योग्य ही नहीं थे. इसके बावजूद उन्हें भुगतान किया गया. जिला ग्रामीण विकास एजेंसी यानी DRDA ने निरीक्षण के दौरान इस घोटाले का खुलासा किया. निरीक्षण में यह सामने आया कि कई सड़कों और बांधों के निर्माण के लिए भुगतान किया गया. जबकि असलियत में इन परियोजनाओं का कहीं निर्माण ही नहीं हुआ.
देवगढ़ बारिया और धनपुर तालुका जैसे आदिवासी क्षेत्रों में यह धोखाधड़ी की गई. जहां मंत्री के दोनों बेटे परियोजना से जुड़ी एजेंसियों की देख-रेख कर रहे थे. पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी और विश्वासघात जैसे गंभीर आरोपों में मामला दर्ज किया है. फिलहाल गिरफ्तार हुए आरोपियों से पूरे मामले में पूछताछ की जा रही है.