शिमला। बीजेपी नेता और हिमाचल से राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन आजतक कभी कोई चुनाव नहीं हारे हैं। यहां तक ‎कि हाल ही में मनु ‎सिंघवी को पटकनी देकर राज्यसभा में भी अपनी दावेदारी सा‎बित कर दी। उन्होंने अपनी चाणक्य नीति से कांग्रेस उम्मदीवार अभिषेक मनु सिंघवी को राज्यसभा चुनाव में शिकस्त दी। 68 में से सिर्फ 25 विधायक होने के बाद भी उन्होंने ये जीत हासिल की है। हालां‎कि राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अपनी जीत को आश्वस्त थी। लेकिन बीजेपी ने हर्ष महाजन को मैदान में उतार कर कांग्रेस के खेमे में हलचल मचा दी। क्योंकि हर्ष महाजन कई दशकों तक कांग्रेस में रहे हैं। हिमाचल में हुए विधानसभा चुनाव से पहले ही उन्होंने बीजेपी का दामन थाम ‎लिया था। ऐसे में कई कांग्रेस विधायक उनके संपर्क में थे। 
बता दें ‎कि राज्यसभा चुनाव से पहले ही वो कह चुके थे कि कई कांग्रेस विधायक उनके पक्ष में वोट करेंगे। 27 जनवरी को उनकी बात सच साबित हुई और कांग्रेस के 6 विधायकों ने उनके पक्ष में वोट कर दिया। बता दें कि हर्ष आज तक कोई चुनाव नहीं हारे हैं। हर्ष महाजन का जन्म 12 दिसंबर 1955 को हिमाचल के चंबा में हुआ था। वो अपने कॉलेज के दिनों से ही राजनीति में काफी सक्रीय थे। 1986 से 1995 तक प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। हर्ष महाजन ने 1993 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। वो चंबा से विधायक बने। उन्होंने लगातार तीन बार चंबा विधानसभा सीट से जीत हासिल की
हर्ष महाजन हिमाचल पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबियों में से एक थे। वो उनके प्रमुख रणनीतिकार माने जाते थे। वीरभद्र सरकार में वो 2003 से 2008 तक पशुपाल मंत्री रहे। लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी में रहे हर्ष महाजन ने विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था। हालांकि उनके इस कदम से बीजेपी को कोई फायदा नहीं हुआ। बीजेपी विधानसभा चुनावों में सिर्फ 25 सीटों पर ही सिमट गई थी। विधानसभा चुनावों में भले ही वो कुछ खास नहीं कर पाए हो लेकिन इस बार हर्ष महाजन ने कांग्रेस खेमे में सेंधमारी कर राज्य सभा संसद की जीत हासिल की है।