जयपुर. अशोक गहलोत सरकार के आज होने जा रहे मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) में 13 निर्दलीय विधायकों में से एक को भी जगह नहीं मिली है. गत वर्ष सियासी संकट के समय निर्दलीय विधायकों (Independent MLAs ) ने गहलोत सरकार को बचाने में अहम भूमिका निभाई थी. उसके बाद ही हाल ही में सीएम अशोक गहलोत ने एक कार्यक्रम में कहा था कि वे निर्दलीयों विधायकों के सहयोग को कभी नहीं भूल सकते. लेकिन अब मंत्रिमंडल में निर्दलीय विधायकों को जगह नहीं मिलने से उनमें मायूसी छायी हुई है.वहीं कुछ विधायकों ने नाराजगी भी जाहिर की है.मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ निर्दलीयों विधायकों को जगह मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी. शनिवार रात तक वे उम्मीद का दामन थामे हुये थे. लेकिन देर रात जारी हुई सूची में एक भी निर्दलीय विधायक का नाम नहीं आया. इससे निर्दलीय विधायकों में मायूसी छा गई. कांग्रेस से बाहर के विधायकों में से केवल बसपा से आये विधायक राजेन्द्र गुढा को राज्यमंत्री बनाया गया है. बसपा की टिकट पर जीते राजेन्द्र गुढा और पांच अन्य विधायक चुनाव के कुछ समय बाद ही कांग्रेस में शामिल हो गये थे.
राजेन्द्र गुढा पहले भी राज्यमंत्री रह चुके हैं
राजेन्द्र गुढा इससे पहले भी गहलोत सरकार में राज्यमंत्री रह चुके हैं. उस समय भी गुढा बसपा से जीतकर आये थे. बाद में बसपा विधायकों ने गहलोत सरकार को समर्थन दे दिया था. इस बीच मंत्रिमंडल पुनर्गठन के लिये होने वाले शपथ ग्रहण समारोह से पहले पीसीसी पहुंचे निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल ने इसको लेकर मीडिया के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया. वहीं अन्य निर्दलीय विधायकों की तरफ से भी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
मंत्रिमंडल के सभी 30 पद भर जायेंगे
उल्लेखनीय है कि गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन में आज 12 नये मंत्री शामिल किये जा रहे हैं. वहीं तीन राज्यमंत्रियों को प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया जा रहा है. आज कुल 15 मंत्री शपथ लेंगे. इसके साथ ही मंत्रिमंडल के सभी 30 पद भर जायेंगे. आज मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायकों में से पांच सचिन पायलट खेमे के हैं. पायलट कैम्प के पांच विधायकों में से तीन को कैबिनेट और दो को राज्यमंत्री बनाया जा रहा है.
अब 17 जिलों का प्रतिनिधित्व होगा मंत्रिमंडल में
वही मंत्रिमंडल के पुनर्गठन के बाद इसमें जिलों का प्रतिनिधित्व भी बढ़ जायेगा. अब तक केवल 16 जिलों को ही मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिला हुआ था. लेकिन अब 17 जिलों का प्रतिनिधित्व हो जायेगा. जबकि तीन मंत्री हटाये जाने के कारण अजमेर और सीकर जिले का प्रतिनिधित्व खत्म हो जायेगा. उनके स्थान पर भीलवाड़ा, करौली और झुंझुनू जिले से जीते हुये पार्टी के विधायक मंत्री बनेंगे.