जयपुर । बाड़मेर में हुए दर्दनाक बस-ट्रक हादसे में जिंदा जले 12 यात्रियों में से 9 अभी तक पूरी तरह से शिनाख्त नहीं हो पाई है। हादसे में मारे गए यात्रियों के नाम तो सामने आ गए हैं, लेकिन कौन सा शव किसका है इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। भिड़ंत के बाद बस में आग से जिंदा जले यात्रियों के शव इस कदर जल चुके हैं कि उनकी शिनाख्त नहीं हो पा रही है। कइयों की तो हडि्डयां तक जल गई हैं। ऐसे में अब उनकी शिनाख्त डीएनए से की जाएगी। पुलिस के अनुसार जिंदा जले यात्रियों में से एक बच्ची और एक अन्य यात्री के अलावा ट्रक चालक के शव की पहचान हो गई है। इसके अलावा मारे गए अन्य यात्रियों के नाम तो सामने आ गये लेकिन यह पता नहीं चल पा रहा है कि कौनसा शव किसका है। शव इस कदर जल गए कि उन्हें उठाया नहीं बल्कि समेटकर गठरियों में डाला गया है। ऐसे में शवों को अवशेषों को जोधपुर लाया गया है. इन अवशेषों को जोधपुर के एमजीएच मोर्चरी में रखवाया गया है। यहां उनके अवशेषों का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। उसके बाद ही पता चल पाएगा कि कौनसा शव किसका है। उल्लेखनीय है कि यह दर्दनाक हादसा बाड़मेर जिले में मंगलवार को सुबह हुआ था। बाड़मेर के पचपदरा थाना इलाके में बाड़मेर-जोधपुर हाईवे पर हुए इस हादसे में सवारियों से भरी बस और ट्रक की भिड़ंत हो गई थी। भिड़ंत के बाद दोनों वाहनों में आग लग गई थी। इससे बस में सवार 11 यात्रियों समेत ट्रक चालक जिंदा जल गए थे। मारे गए यात्रियों में चार बच्चे भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि बस में आग लगने के बाद उसका गेट भी नहीं खुला। कुछ यात्रियों ने खिड़की से कूदकर जान बचाई तो कुछ को ग्रामीणों ने शीशे तोड़कर बाहर निकाला लेकिन कुछ मिनटों में आग इस कदर फैल गई कि यात्री बस में ही फंसकर रह गए और उन्हें बचाने आये ग्रामीण भी बेबस हो गए। इसके चलते 12 लोग जिंदा जल गए।  हादसे पर पीएम नरेन्द्र मोदी समेत सीएम अशोक गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने गहरा दुख जताया है। हादसे में मारे गए और घायल हुए यात्रियों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया जा चुका है। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।