
नई दिल्ली । सरकार अगले साल अप्रैल से पैकेजिंग के नए नियम लागू कर रही है। इस नियम के मुताबिक सामान बनाने वाली कंपनियों को एमआरपी के साथ ही पैकेट पर कमोडिटी की प्रति यूनिट/प्रति केजी के हिसाब से भी कीमत लिखना पड़ेगा। इसका मतलब यह है कि अगर किसी पैकेज्ड आइटम में 1 किलो या 1 लीटर से कम सामान पैक किया गया है तो उस पर प्रति ग्राम या प्रति मिलीलीटर के हिसाब से कीमत लिखना पड़ेगा। ऐसे ही अगर किसी पैकेट में 1 किलोग्राम से अधिक सामान है तो उसका भी रेट 1 किलो या 1 लीटर के हिसाब से लिखना पड़ेगा। इसी तरीके से पैकेज्ड सामान पर मीटर या सेंटीमीटर के हिसाब से भी भाव लिखना पड़ेगा। भारत सरकार ने लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेट कमोडिटी रूल्स) में बदलाव किया है। इसमें दूध, चाय, बिस्किट, खाद्य तेल, आटा, सॉफ्ट ड्रिंक, बेबी फूड, दाल और अनाज, सीमेंट बैग, ब्रेड एवं डिटर्जेंट आदि जैसे 19 टाइप के आइटम शामिल हैं। इसके बाद पैकेज्ड आइटम की बिक्री पर मात्रा या नाप वाले सरकारी नियम लागू करना जरूरी नहीं माना जाएगा। सामान बनाने वाली कंपनियों को अब पूरी आजादी होगी कि वह बाजार में जो पैकेज आइटम बेचते हैं उसमें वह कितनी मात्रा या संख्या रखना चाहते हैं। इसके साथ ही नए नियमों में एक बड़ा बदलाव यह किया गया है कि आयात किए गए पैकेज आइटम पर महीना या मैन्युफैक्चरिंग ईयर के बारे में जानकारी देनी जरूरी होगी। इस समय पैकेज आइटम के आयात पर सिर्फ महीने या आयात करने की तारीख की जानकारी देना जरूरी है।