नई दिल्ली । त्योहारी सीजन में सरकार ने खाद्य तेलों के आयात पर ड्यूटी में कटौती की थी, इसका फायदा भी ‎दिखाई ‎दिया लेकिन सरसों तेल के भाव में देश भर में कहीं कोई कमी दिखाई नहीं दे रही है। भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में पाम ऑयल, सोयाबीन ऑयल, सूर्यमुखी का तेल और मूंगफली के तेल के भाव में 5 से लेकर 20 प्रति लीटर की कमी आई है। खाद्य मंत्रालय ने देश भर के अलग-अलग बाजार से इन तीनों के खुदरा भाव जुटाने के बाद यह जानकारी दी है। केंद्र सरकार के खाद्य मंत्रालय के एक व‎रिष्ठ अ‎धिकारी ने कहा कि देश में खाद्य तेलों की क्वालिटी में अब सुधार हुआ है और भाव बढ़ने जैसी दिक्कत धीरे धीरे कम हो रही हैं। देश में खाद्य तेलों की उपलब्धता बढ़ने की वजह से भी इनके भाव में नरमी दर्ज की जा रही है। केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों के भाव में राहत देने के हिसाब से आयात शुल्क में कटौती की थी और कारोबारियों द्वारा स्टॉक की घोषणा करना जरूरी कर दिया था। देश भर में सरसों तेल के भाव में कमी नहीं आने की वजह से चिंता अब भी अपनी जगह बरकरार है। तेल बेचने वाली ब्रांडेड कंपनियां भी अब नए स्टॉक के रेट में कमी कर रही हैं।
भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि दुनिया भर में कमोडिटी की कीमतें बढ़ रही है और इस वजह से भारत में भी खाद्य तेलों के भाव में इजाफा दर्ज किया गया था। वास्तव में इंडोनेशिया, ब्राजील और अन्य देशों में बायोफ्यूल के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से खाद्य तेलों की उपलब्धता पर असर पड़ा था। अब दुनियाभर में खाद्य तेल के भाव में कमजोरी दर्ज की जा रही है और यह ट्रेंड आने वाले समय में भी जारी रहने की उम्मीद है। सरसों तेल के भाव में कमी आने की गुंजाइश नहीं दिख रही है, लेकिन सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से अब सरसों तेल के भाव पर भी असर देखा जा सकता है।