
नई दिल्ली । महामारी कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत के मामले में कोविड मृत्यु का प्रमाण पत्र जमा करने के बाद राज्य सरकार की तरफ से 50 हजार रुपए मुआवजा राशि दिए जाने का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि कोविड से मौत पर मुआवजा राशि राज्य सरकारें स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (एसडीआरएफ) से देंगी। सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता ने कहा था कि कोविड से होने वाली मौत के मामले में मृतक के परिजनों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह केंद्र सरकार को ये निर्देश जारी नहीं कर सकती कि वह अमुक अमाउंट मुआवजे के लिए तय करे लेकिन नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) कोविड से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए न्यूनतम राशि तय कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के होम मिनिस्ट्री की ओर से हलफनामा दायर कर कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के 30 जून 2021 के आदेश के तहत नैशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने कोविड से होने वाली मौत के मामले में अनुग्रह राशि तय करने के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी है। इसके तहत कहा गया है कि कोविड से होने वाली मौत के मामले में हेल्थ मिनिस्ट्री और आईसीएमआर के गाइडलाइंस के तहत जो दस्तावेज जारी होंगे उसके तहत कोविड डेथ माना जाएगा। यानी गाइडलाइंस के तहत कोविड से होने वाली मौत के मामले में जो डेथ सर्टिफिकेट जारी होगा उसमें मौत का कारण कोविड होना चाहिए और उसके आधार पर ही मुआवजा राशि दी जाएगी। इसके लिए एनडीएमए 2016 ने कोविड महामारी से होने वाली मौत के मामले में मृतक के परिजनों को 50 हजार अनुग्रह राशि देने के लिए गाइडलाइंस जारी की है। केंद्र सरकार की ओर से एनडीएमए गाइडलाइंस का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट को बताया गया है कि कोविड महामारी से मौत अभी भी जारी है। महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। नए वेरिएंट के बारे में अभी भी अनिश्चितताएं बनी हुई है। भविष्य में कोविड लहर आ सकती है इसकी भी आशंका बनी हुई है। इस वक्त कई तरह की योजनाएं चल रही हैं। चूंकि कोविड महामारी की अनिश्चितताएं बनी हुई हैं इसलिए यह भी जरूरी है कि एसडीआरएफ फंड में पैसे रहें ताकि समय पर उसका इस्तेमाल हो सके।
सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि अनुग्रह राशि के लिए कोविड डेथ सर्टिफिकेट पेश करना होगा। राज्य सरकारें एसडीआरएफ से यह पैसे देगी और डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी पैसे का वितरण करेगी। इसके लिए जो भी दावेदार होगा वह संबंधित अथॉरिटी के सामने जरूरी दस्तावेज और डेथ सर्टिफिकेट पेश करेगा और दस्तावेज पेश होने के बाद उसे वेरिफाई किया जाएगा और 30 दिनों के भीतर उसे अनुग्रह राशि दी जाएगी। यह राशि आधार लिंक होगी और डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर प्रोसेस से मृतक के परिजनों को राशि मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को दिए अपने अहम आदेश में कहा था कि कोविड से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए छह हफ्ते के भीतर एनडीएमए (नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) गाइडलाइंस तैयार करे। सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि एनडीएमए की विधायी ड्यूटी है कि वह गाइडलाइंस बनाए जिसके तहत कोविड से मौत के मामले में न्यूनतम मुआवजा राशि देने की व्यवस्था हो। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा था कि कोविड से संबंधित मौत के मामले में डेथ सर्टिफिकेट जारी करने के संबंध आईसीएमआर और हेल्थ मिनिस्ट्री ने गाइडलाइंस जारी की हैं। कोविड से मौत के मामले में मृतक के परिजनों को मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा और मौत का कारण लिखा जाएगा। गाइडलाइंस में कहा गया है कि कोविड की पुष्टि होने के बाद अगर अस्पताल से छुट्टी भी हो जाए तो भी टेस्ट के 30 दिनों के भीतर अस्पताल से बाहर मौत होने पर कोविड डेथ माना जाएगा।