जयपुर । अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अघोषित नम्बर वन मुखिया राहुल गांधी ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश संगठन मुखिया के बीच चल रही लम्बी राजनैतिक अदावत को अनुसूचित जाति से आने वाली चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत के लिए मास्टर स्ट्रोक खेला है।
सरविद्त है कि पिछले एक डेढ़ साल से कांग्र्रेस पार्टी की तीनों राज्यों में हिन्दी भाषी सरकारें आपसी नेताओं की तकरार में हिचकोले खा रही है पंजाब में पार्टी आलाकमान द्वारा लिया गया निर्णय शेष राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान के लिए नजीर बन सकता है अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए  राजस्थान में भी कमोबेश मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की राजनैतिक खींचमतान बिना सत्ता और संगठन में बदलाव के खत्म होना दोनो के बीच चल रही तकरार को देखते हुए असंमभव लगने लगा है जिस प्रकार प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने राजनैतिक नियुक्तियों के बारे कई बार प्रेस में बयान दिए और सचिन पायलट के बारे में फैसला स्वंय के बस के बाहर बता आलाकमान पर छोड़ते आये है उसी कड़ी मे पंजाब में हुए फैसले ने अब राजस्थान का मुद्दा हल होने की घडी नजदीक ला दी है सूत्रों के अनुसार सचिन पायलट ने पिछले साल उपजे राजनैतिक संकट पर कई दफा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से राज्य में गहलोत सरकारा की परफार्मेस को आधार बनाकर दिल्ली में मुलाकातें की है इसी कड़ी मे जब पंजाब का मुद्दा दिल्ली में हल किया जा था तब सूत्रों की खबर है कि सचिन पायलट राहुल गांधी से मुलाकात कर रहे थे जाहिर है कि पायलट ने भी गहलोत की शिकायतों वाले बस्ते को खोलकर राहुल गांधी को फिर दिखाया होगा दूसरी पुष्टि राज्य के राजनैतिक हलको में पंजाब के बदलाव को लेकर हुई है जिसमें मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा का पद से इस्तीफा मुख्यमंत्री को भिजवाया गया खबर है कि इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है मगर राजनैतिक नियुक्तियां चाहने वाले कांग्रेसियों में पुन: आशा का संचार ओएसडी की इस्तीफा खबर से हुआ है सचिन पायलट गुट और उनके कट्टर समर्थक विधायक तो कह रहे है कि मुख्यमंत्री को अब कांग्रेस आलाकमान के आदेशों की अवहेलना करने का कोई मौका हाथ नहीं आने वाला है सचिन पायलट समर्थकों का दावा है कि राज्य में पायलट को फिर कांग्रेस अध्यक्ष की कमान सौपी जा सकती है समर्थकों के संकेत और कयास पंजाब सूबे में  कांग्रेस ने जिस तुरूप के पत्ते से बदलाव किया है शायद वहीं तुरूप का पत्ता राज्य में चला जा सकता है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जिस प्रकार की बयानबाजी गतवर्ष हुई थी उसके पटाक्षेप का वक्त लगता है आ गया है।