मुजफ्फरपुर| मुजफ्फरपुर के चर्चित नवरुणा कांड के आज नौ साल हो गए। इन नौ सालों में नवरुणा के बारे में कुछ पता नहीं लगा। अपराधी तो दूर की बात जांच एजेंसी ये तक पता नहीं लगा सकी की नवरुणा जीवित है या नहीं। पहले पुलिस, फिर CID और फिर CBI को इस घटना की गुत्थी सुलझाने की जिम्मेवारी सौंपी गई। सब विफल साबित हुए। अंत मे CBI ने जांच से भी अपने हाथ खड़े कर दिए। कोर्ट को अपनी रिपोर्ट भी बंद लिफाफे में सौंप दी है।
बेटी के अपहरण हुए नौ साल पूरा होने पर नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवती और मां मैत्रेयी चक्रवर्ती CBI समेत अन्य जांच एजेंसी पर कार्रवाई की मांग सरकार से कर रहें है। CBI को तो फांसी तक देने की मांग कर रहे हैं। उनकी आंखें आज भी नम हो जाती है, जब बेटी नवरुणा की बात सामने आती है। कहते हैं CBI जैसी देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी ने हाथ खड़े दिए। लेकिन, उनकी उम्मीद शुरू से लेकर आज तक कोर्ट पर टिकी हुई है। उन्हें आशा है की एक न एक दिन इंसाफ मिलेगा।
यह हुई थी घटना
17 सितंबर 2012 की रात नवरुणा अपने घर से लापता हो गई थी। वह कमरे में अकेली सो रही थी। सुबह माता-पिता की नींद खुली और बेटी के कमरे में गए तो दंग रह गए। देखा की सड़क पर खुलने वाली खिड़की की रॉड टूटा हुई थी। टाउन थाना में 18 सितंबर को FIR दर्ज कराई गई थी।
CBI पर लगा रहे हैं आरोप
नवरुणा के पिता ने कहा कि CBI ने उनके केस को लटकाकर रखा। सात साल तक सिर्फ आश्वासन दिया। लेकिन, अब सब बेकार हो गया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के अपहरणकर्ता को छोड़ सरकार व कोर्ट सिर्फ जांच एजेंसियों की गतिविधियों और रिपोर्टों का आकलन करे, फिर उनके खिलाफ कार्रवाई करें। नवरुणा के परिजन CBI की जांच से काफी नाराज भी दिखें। कहा की न्याय मिलेगा भी तो कोर्ट से ही मिलेगा। जब तक सांस रहेगी तब तक बेटी के लिए हम लोग लड़ेंगे।
CBI यह भी पता नहीं कर पाई कि नवरुणा जिंदा है या नहीं:नवरुणा कांड
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