
फ्यूचर रिटेल ने 3.4 अरब डॉलर की रिटेल एसेट डील मामले में अमेरिकी ऑनलाइन रिटेलर अमेजन पर सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को नया केस किया है। फ्यूचर ग्रुप की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के साथ हुई डील को क्लीयरेंस दिलाने में जुटी है, जिसे अमेजन ने अदालत में चुनौती दी है।
कंपनी को पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट से मिला था बड़ा झटका
इस मामले में इसी महीने आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश से फ्यूचर रिटेल को बड़ा झटका लगा था। अदालत ने कहा था कि अमेजन की शिकायत पर सिंगापुर के आर्बिट्रेशन कोर्ट ने अक्टूबर 2020 में जो अंतरिम आदेश जारी किया था, वह भारत में भी लागू होगा। आर्बिट्रेशन कोर्ट के आदेश से RIL और फ्यूचर रिटेल की डील रुक गई है।
फ्यूचर के वकील ने कहा- कंपनी की बात सुनना बेहद जरूरी
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि फ्यूचर रिटेल इस केस में अपने खिलाफ आए निचली अदालत के आदेश को चुनौती नहीं दे सकती। जानकार सूत्रों ने कहा कि कंपनी सुप्रीम कोर्ट से अपनी बात सुनने की अपील कर रही है। उसके वकील युगांधर पवार ने सुप्रीम कोर्ट को दी अपील में कहा है कि कंपनी की बात सुनना बेहद जरूरी है।
खतरे में 35,575 कर्मचारियों की नौकरी, 280 अरब के लोन
फ्यूचर रिटेल ने 6,000 पेज से ज्यादा की अपील में कहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ डील पूरी नहीं होने पर ग्रुप को जितना नुकसान होगा, उसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। उसने कहा है कि उससे 35,575 कर्मचारियों की नौकरी के साथ ही लगभग 280 अरब रुपए (3.81 अरब डॉलर) के बैंक लोन और डिबेंचर के रिपेमेंट भी खतरे में पड़ जाएंगे।
कोविड की मार से परेशान फ्यूचर ने रिलायंस से डील की थी
विवाद तब शुरू हुआ जब 1,700 से ज्यादा स्टोर वाली देश की दूसरी सबसे बड़ी रिटेल कंपनी फ्यूचर ने कोविड की मार पड़ने पर अपना रिटेल बिजनेस रिलायंस के हाथों बेचने का करार किया। अमेजन का आरोप है कि फ्यूचर ने ऐसा करके एक करार तोड़ा है, जबकि बियाणी के ग्रुप का कहना है कि उसने RIL से डील करके कोई गलत काम नहीं किया है।