धार इंदौर से 75 किलोमीटर दूर धार जिला मुख्यालय के पास गंगा महादेव की वादियों की खूबसूरती निखर गई है। चारों तरफ फैली हरियाली और 50 फीट ऊंचाई से गिरते दूधिया झरना सबका मन मोह लेता है। झरने के नीचे ही गुफा में उत्तरमुखी शिवलिंग है। यह शिवलिंग द्वापर युग का बताया जाता है। सावन के तीसरे सोमवार को ड्रोन की नजर से खूबसूरत गंगा महादेव की वादियों और उत्तरमुखी शिवलिंग का दर्शन करिए।

यह है मान्यता

कहा जाता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण अमझेरा स्थित अमका-झमका मंदिर जाते समय यहां दर्शन करने के लिए रुके थे। इस गुफा में पांडवों ने भी रात बिताई थी। ऐसा बताया जाता है कि पीढ़ी-दर पीढ़ी पहले इसी गुफा में शिवलिंग प्रकट हुआ था। तभी से शिवलिंग यहां स्थापित है।

गुफा के ऊपर से झरना हमेशा बहता रहता है। बारिश के समय 4 महीने तक दूधिया जैसा झरना गिरता है। मंदिर परिसर में ही तलई है, जिसमें बारह महीने पानी रहता है। पूरे सावन के महीने में श्रद्धालुओं समेत कावड़ यात्री जल अभिषेक करते हैं।

भगौरिया पर्व का होता है आगाज

गंगा महादेव पर्यटन स्थल पर शिवरात्रि के दिन आदिवासी लोक पर्व भगौरिया का आगाज यहीं से होने की मान्यता है। 146 साल पहले यह परंपरा शुरू हुई थी। हर शिवरात्रि पर यहां 50 से अधिक दल पहुंचते हैं। यहां नृत्य कर पर्व की शुरुआत करते हैं।

बंजर पहाड़ को बदल दिया हरियाली में

गंगा महादेव तीर्थ कुछ साल पहले तक बंजर पहाड़ था। स्थानीय सुल्तानपुर ग्राम पंचायत ने मनरेगा योजना से पथरीले पहाड़ को पहले उपजाऊ बनाया। फिर इसमें बेड पद्धति से 5 हजार से अधिक पौधारोपण किया गया। अब बंजर पहाड़ पर चारों ओर हरियाली नजर आती है।

वीकेंड पर 10 हजार तक लोग पहुंचते हैं

यहां इंदौर, रतलाम, उज्जैन, झाबुआ, थांदला, मेघनगर और बड़वानी से पर्यटक आते हैं। वीकेंड पर यह संख्या 10 हजार तक पहुंच जाती है। बारिश के मौसम में इसकी सुंदरता और भी खिल जाती है।

ऐसे पहुंचे

यह स्थान धार से 13 किलोमीटर दूर स्थित सुल्तानपुर ग्राम पंचायत में आता है। इंदौर-अमदाबाद नेशनल हाईवे -47 पर स्थित बोधवाड़ा से 2 किमी दूर है। इंदौर से लगभग 75 किमी दूर है।