जयपुर । परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बताया कि एंबुलेंस वाहन चालकों द्वारा निर्धारित किराये से अधिक राशि वसूलने, छोटे रूट के बजाय लंबे रूट से वाहन ले जाने, मरीजों के साथ अप्रिय घटना, आपराधिक कृत्य जैसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग सख्त हो गया है। इन पर लगाम कसने के लिए अब सभी एंबुलेंस वाहनों में ’व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग सिस्टम’ लगाये जाएंगे। परिवहन विभाग द्वारा एक आदेश जारी किया है। इसमें सभी एंबुलेंसधारकों को अपने वाहनों में ’व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग सिस्टम’ (जीपीएस डिवाइस) लगाना होगा।
परिवहन मंत्री ने बताया कि एंबुलेंस वाहनों में जीपीएस लगाने के आदेश जारी कर परिवहन विभाग ने एक अभिनव पहल की है। सभी प्रादेशिक एवं जिला परिवहन अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में पंजीकृत एंबुलेंस वाहनों में 30 दिन में जीपीएस लगवाने के सुनिश्चिचता करनी है। इसमें वाहनों में उसी के निर्माता द्वारा विशेष रूप से अनुमोदित एआईएस:140 मानक का डिवाइस स्थापित किया जाना है। एंबुलेंस वाहनों में पैनिक बटन भी होगा, जिसके जरिये सूचना पुलिस और परिवहन विभाग तक पहुंचेगी। परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी ने बताया कि यह लोकेशन ट्रेकिंग सिस्टम राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) से जोड़ा जा रहा है। साथ ही वाहन सॉफ्टवेयर से इंटीग्रेट एवं नेटवर्किंग करते हुए परिवहन मुख्यालय, जयपुर स्तर पर से मॉनिटरिंग की जायेगी। कोरोना महामारी में मरीजों और परिजनों के लिए यह प्रयोग कारगर साबित होगा।