धर्मशाला : पिछले हफ्ते दिल्ली वनडे में हाफ सेंचुरी जड़ने वाले विराट कोहली ने कहा है कि करियर के पहले बुरे दौर से उबरने के लिये उन्हें इस तरह की पारी की सख्त जरूरत थी. कोहली इंग्लैंड दौरे से ही खराब फार्म में चल रहे थे जहां वह चार टेस्ट मैचों में एक भी अर्धशतक नहीं लगा पाए थे.

भारत और वेस्टइंडीज के बीच धर्मशाला में होने वाले चौथे वनडे से पहले उन्होंने कहा कि चैंपियंस लीग के दौरान उन्होंने अपने खेल पर काम किया जिसके उन्हें अच्छे नतीजे मिले. उन्होंने फिरोजशाह कोटला में अपनी 62 रन की पारी के बारे में कहा, ‘आराम मिलना वास्तव में अच्छा रहा. मैंने उन विभागों पर कड़ी मेहनत की जिनमें मुझे सुधार की जरूरत थी. पिछले दो मैचों में मैं स्पष्ट सोच के साथ उतरा. यदि मैं फिर से एक जैसा शॉट खेलकर आउट होता हूं तो यह मेरे लिये मायने नहीं रखता. कम से कम मेरी सोच स्पष्ट है और मैं आत्मविश्वास से भरा हूं. मैंने पिछले मैच में जो पारी खेली मुझे उस तरह की पारी की जरूरत थी.’

'लोगों को सम्मान करने की जरूरत'
विशेषज्ञों और मीडिया ने कोहली की लगातार ऑफ स्टंप से बाहर मूव करती गेंदों पर विकेट के पीछे कैच थमाने के लिए आलोचना की. इस पर उन्होंने कहा, ‘यह अजीब बात है. जब मैं दो-तीन पारियों में रन नहीं बनाता तो लोग मुझसे कहते हैं कि आपको बड़ा स्कोर बनाना है. वे इस बात को भूल जाते हैं कि पिछले चार-पांच साल में मैंने सभी प्रारूपों में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया. मैं दिखावा नहीं करता. मैं इसी तरह से अपनी क्रिकेट खेलता हूं. लोगों को सम्मान करने की जरूरत है क्योंकि हम मशीन नहीं, इंसान हैं.’
 
कोहली ने कहा कि जब वह खराब दौर से गुजर रहे थे तब उन्हें लोगों और जिंदगी के बारे में सीख मिली. उन्होंने कहा, ‘जब आप बुरे दौर से गुजरते हो तो तब आपको पता चलता है कि कौन लोग आपका साथ देने के लिये तैयार हैं और कौन आपकी खिल्ली उड़ाने के लिये तैयार हैं. मैंने काफी कुछ सीखा. मैंने लोगों को पूरी तरह से बदलते हुए देखा. मैंने उन्हें 360 डिग्री में घूमते हुए देखा और इससे वास्तव में मुझे हैरानी नहीं हुई.’

कोहली ने कहा, ‘मैंने इस बारे में केवल सुना था और अब मैंने खुद देख लिया. कुल मिलाकर यह अच्छा अनुभव रहा. अब मैं अधिक मजबूत महसूस करता हूं और मुझे लगता है कि मेरे क्रिकेट में आगे सुधार हो रहा है.'